केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ भाजपा ने बिगुल फूंक दिया है। हिंसा के विरोध में जन सुरक्षा यात्रा का आगाज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लाल आतंक के खात्मे तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा। 15 दिन तक चलने वाली इस यात्रा का नेतृत्व करते हुए पहले दिन अमित शाह खुद नौ किलोमीटर की पदयात्रा की।

केरल में भाजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को देखते हुए इस यात्रा को अहम माना जा रहा है। यात्रा में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने अगले लोकसभा चुनाव में केरल में 8-10 सीटें जीतने का दावा भी कर दिया। यात्रा की शुरूआत केरल के पेयनूर से कर कर अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन को सीधे तौर पर चुनौती दे दी। पेयनूर विजयन का गृह क्षेत्र है और केरल में माकपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। शायद यही कारण है कि माकपा यहां भाजपा और संघ परिवार को रोकने का सबसे अधिक प्रयास कर रही है। भाजपा व संघ कार्यकर्ताओं की बड़े पैमाने राजनीतिक हत्याएं हो रही है। मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से यात्रा की शुरूआत करते हुए अमित शाह ने उन्हें सीधी चुनौती दी। उन्होंने कहा ‘विजयन जी जितना हिंसा का कीचड़ फैलाओगे, कमल उतना ही खिलकर सामने आने वाला है।’ इन राजनीतिक हत्याओं के लिए उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान वामपंथी हिंसा पर चुप्पी साधने वाले मानवाधिकार वादियों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हिंसा का कोई रंग नहीं होता, लेकिन मानवाधिकारवादी लाल हिंसा पर चुप्पी साध जाते हैं। यह नाटक उन्हें छोड़ना होगा।

यात्रा की पूरी तैयारियों से साफ था कि भाजपा का उद्देश्य माकपा के गढ़ में अपने कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच वामपंथी हिंसा के खिलाफ उठ खड़े होने का भरोसा पैदा करना था। यही कारण है कि केरल से ही दूसरे राज्यों से भी भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इसके साथ ही यात्रा के दौरान हर दिन सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। यात्रा के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी यात्रा में शामिल होंगे। इसके साथ ही भाजपा वामपंथी हिंसा के खिलाफ लड़ाई को पूरे देश में फैलाने की तैयारी में है। इसके लिए दिल्ली में यात्रा के दौरान हर दिन माकपा कार्यालय के बाहर भाजपा के कार्यकर्ता धरना देंगे। जबकि सभी राज्यों की राजधानी में भाजपा इस बीच कम-से-कम दो दिन तक पदयात्रा निकालेगी।यात्रा की शुरूआत के पहले अमित शाह ने वामपंथी हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की। उन्होंने उनके परिवार वालों को भरोसा दिया कि भाजपा के ११ करोड़ कार्यकर्ता उनके साथ है। माकपा की मजबूत गढ़ में हजारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी से उत्साहित अमित शाह ने इसे केरल से वामपंथ की समाप्ति की शुरूआत करार दिया। उन्होंने कहा कि अब देश की जनता हिंसा की राजनीति में भरोसा नहीं करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में जहां माकपा लंबे समय तक शासन में रही है, हिंसा की राजनीति करती रही है। ये राज्य आज भी राजनीतिक हिंसा से त्रस्त हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि भले ही पदयात्रा 15 दिनों समाप्त हो जाएगी, लेकिन वे केरल से वामपंथी सरकार के उखाड़ फेंकने तक नहीं बैंठेगे। बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हमारे 13 कार्यकर्ताओं को बेरहमी के साथ मार दिया गया है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, लेकिन माकपा इसके सहारे ही अपनी राजनीति करती आई है। केरल में राजनीतिक हिंसा के पीछे माकपा की संलिप्तता का सबूत पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जब-जब यहां वामपंथी सरकार बनती है, भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसक वारदातें बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि केरल की वामपंथ सरकार को कोई भी बहाना इन आरोपों से बचा नहीं सकता हैं क्योंकि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी है।