वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ‘‘अल्प सूचना” पर लड़ने के लिए तैयार है और पाकिस्तान की ओर से किसी भी आतंकवादी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों द्वारा कथित तौर पर सीमा पर स्थित क्षेत्रों में ड्रोनों से हथियारों को गिराये जाने को एक ‘‘नये खतरे” के रूप में वर्णित किया और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की घटनाओं से निपटने के लिए ‘‘कार्रवाई” करने की प्रतिबद्धता जताई।
भदौरिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय वायुसेना तिब्बत क्षेत्र के पास चीन द्वारा सैन्य बुनियादी ढांचे के घटनाक्रम पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि यह ज्यादा चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय वायुसेना अल्प सूचना पर भी लड़ने के लिए तैयार है…हमारी परिचालन संबंधी तैयारी बहुत उच्च स्तर की है।” भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने पिछले एक वर्ष में पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमले समेत कई उपलब्धियों को हासिल किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने अतीत पर गर्व है, लेकिन हम अतीत की अपनी उपलब्धियों के बल पर ही आराम से नहीं बैठ सकते हैं। हमारा प्राथमिक ध्यान भविष्य के लिए प्रभावशाली हवाई शक्तियों का निर्माण और उनका रखरखाव जारी रखना है।” भदौरिया ने दोहराया कि भारत ने 27 फरवरी को एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराया था जबकि एक मिग-21 को खो दिया था। पाकिस्तान इस बात से इनकार करता रहा है कि भारत ने उसके एफ -16 विमानों में से एक को मार गिराया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय वायुसेना बालाकोट की तरह के एक और हमले के लिए तैयार है तो एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधि का सरकार के निर्देश के अनुसार जवाब दिया जायेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान भविष्य में भारतीय वायुसेना के संचार नेटवर्क को अवरुद्ध करने में सक्षम होगा, तो उन्होंने कहा कि सुरक्षित रेडियो संचार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा बनाया गया है। पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान 27 फरवरी को पाकिस्तानी एफ-16 का पीछा करने के दौरान रेडियो संदेश नहीं सुन पाये थे क्योंकि पाकिस्तान ने संचार नेटवर्क को अवरूद्ध कर दिया था।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘वे (पाकिस्तान) अब रेडियो संदेश नहीं सुन सकेंगे और हमारे संचार नेटवर्क को अवरूद्ध भी नहीं कर पायेंगे।” बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर के ‘‘पुन: सक्रिय” होने की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमने बालाकोट हमलों को अंजाम नहीं दिया होता, तो आतंकवादी गतिविधियों का स्तर और अधिक ज्यादा होता।” जब उनसे ड्रोनों का इस्तेमाल करके पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में हथियार गिराये जाने की पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों की घटनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि यह बहुत गंभीर खतरा है। यह एक नया खतरा है। यह ऐसी घटना नहीं है, जिसकी हमने उम्मीद नहीं की थी। स्थिति से निपटने के लिए पहले ही कुछ उपाय किए गए थे।”
भदौरिया ने कहा, ‘‘यह हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का मुद्दा है और आवश्यक कदम उठाये जायेंगे…कार्रवाई शुरू कर दी गई है।” चीन के हेलीपैड और सीमा पर अन्य सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण पर उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना उनके बुनियादी ढांचे के घटनाक्रम पर नजर रख रही है।