यूपी में दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव एक नए विवाद के साथ सामने आए हैं। मुलायम का दावा है कि बाबरी विध्वंस की जानकारी उस समय के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को पहले से ही थी। बयान की टाइमिंग के साथ ही सवाल ये भी है कि मुलायम को 20 साल बाद इसकी याद क्यों आई।
SDM दुर्गा शक्ति…
यूपी में दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव एक नए विवाद के साथ सामने आए हैं। मुलायम का दावा है कि बाबरी विध्वंस की जानकारी उस समय के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को पहले से ही थी। बयान की टाइमिंग के साथ ही सवाल ये भी है कि मुलायम को 20 साल बाद इसकी याद क्यों आई।
SDM दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर यूपी सरकार सवालों के घेरे में है लेकिन समाजवादी पार्टी इस निलंबन को सूबे में सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जरूरी बता रही है। इस बीच पार्टी के सप्रीमो मुलायम सिंह ने अयोध्या में बाबरी विध्वंस पर एक विवादास्पद बयान दिया है।
घटना के तकरीबन 20 साल बाद मुलायम सिंह का दावा है कि उस वक्त के राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा को बाबरी विध्वंस के बारे में पहले से ही पूरी जानकारी थी।
दिल्ली में एक चर्चा के दौरान मुलायम ने दावा किया कि 4 दिसंबर 1992 को उन्होंने इस मुद्दे पर तत्कालीन राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा से मुलाकात की थी और उन्हें पहले से ही बाबरी विध्वंस के बारे में जानकारी थी।
सवाल है कि मुलायम सिंह को 20 साल बाद इसकी याद क्यों आई ? क्या ये महज इत्तफाक है या सोची समझी रणनीति का हिस्सा ? तो क्या शंकरदायल शर्मा पर निशाना साध कर मुलायम एक तीर से दो शिकार करना चाह रहे हैं ?
लेकिन मामला इतने पर ही रुकता नहीं दिखता। पहले मुख्यमंत्री अखिलेश का SDM दुर्गा पर फैसला फिर पार्टी सुप्रीमो मुलायम यादव का विवादास्पद बयान और अब उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव का एक बयान भी उसी दिशा में जाता नजर आ रहा है।
समाजवादी पार्टी का ताजा रुख सवालों के घेरे में है। क्या इसे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के बाद वोट बैंक की राजनीति का एक और एक्सटेंशन माना जाए। फैसला जनता पर है और उसे हर बात समझ में आती है।