जेडीयू से रिश्ते टूटने के बाद एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने भी मोदी के खिलाफ उतरते हुए अपने मुखपत्र सामना में उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने उत्तराखंड में सिर्फ गुजरातियों को निकालने की पहल की जो एक नेता के लिए सही नहीं है।
उत्तराखंड में आई आपदा के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर गुजरात के लोगों को वहां से निकालने के हर स…
जेडीयू से रिश्ते टूटने के बाद एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने भी मोदी के खिलाफ उतरते हुए अपने मुखपत्र सामना में उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने उत्तराखंड में सिर्फ गुजरातियों को निकालने की पहल की जो एक नेता के लिए सही नहीं है।
उत्तराखंड में आई आपदा के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर गुजरात के लोगों को वहां से निकालने के हर संभव प्रयास करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार के खर्च पर कुछ गुजरातियों को वहां से निकाला भी था जिसके बाद यह बखेड़ा खड़ा हुआ है।
अभी तक एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने मोदी की जमकर तारीफ की लेकिन एकाएक इस तरह से सामना में मोदी पर टिप्पणी करके उसने सभी को चौंका दिया है। हालांकि राजनीति में कोई भी सगा नहीं होता लेकिन शिवसेना द्वारा मोदी की इस तरह आलोचना करने को राजनीतिज्ञ कुछ अलग ही देख रहे हैं।
पी7 ने जब शिवसेना से इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि उत्तराखंड में आई आपदा पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम सभी की सेवा के लिए खड़े हैं, वहां पर जितने लोग हैं वह सभी भारतीय है और ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को सकुशल वापस निकाला जाए। शिवसेना ने मोदी पर वार करते हुए कहा कि उनका यह कहना कि किसी भी गुजराती को वहां से निकालने के लिए हम हर प्रयास करेंगे बिल्कुल भी सही नहीं है।