बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सट्टेबाजी के आरोप में बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद की गिरफ्तारी के बाद आज उनसे इस्तीफे की मांग की। सिंधिया ने कहा कि जांच में हितों के टकराव से बचने के लिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।

मध्य प्रदेश किकेट संघ के अध्यक्ष और बीसीसीआई की वित्त समिति के चेयरमैन सिंधिया ने कहा कि तर्कसंगत यही है कि…

श्रीनिवासन को BCCI अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिए: सिंधिया

बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सट्टेबाजी के आरोप में बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद की गिरफ्तारी के बाद आज उनसे इस्तीफे की मांग की। सिंधिया ने कहा कि जांच में हितों के टकराव से बचने के लिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।

मध्य प्रदेश किकेट संघ के अध्यक्ष और बीसीसीआई की वित्त समिति के चेयरमैन सिंधिया ने कहा कि तर्कसंगत यही है कि अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन के मामले पर फैसला होने तक श्रीनिवासन को पद छोड़ देना चाहिए।

बकौल सिंधिया, मेरे नजरिये से एक सेकेंड के लिए भी मैं यह नहीं मान रहा कि कोई दोषी है। लेकिन खेल के हित को देखते हुए इस समय जब किसी व्यक्ति, टीम (चेन्नई सुपरकिंग्स) और इस टीम के मैनेजर, जो परिवार का सदस्य है, पर सवालिया निशान लगा हुआ है। मेरा मानना है कि तर्कसंगत है कि श्रीनिवासन पद से हट जाएं।

उन्होंने आगे कहा, उनके परिवार के सदस्य के कथित गलत काम में शामिल होने के कारण अगर आप हितों में टकराव की बात करते हो तो शिष्टता यही कहती है कि उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। अगर मैं उनकी जगह होता तो मैं भी यही करता। हम माने या नहीं लेकिन कुछ हद तक हम भी अपने परिवार के सदस्यों के गलत काम के लिए जिम्मेदार होते हैं। शीर्ष स्तर से ही उदाहरण पेश किया जाना चाहिए।

सिंधिया ने कहा कि अगर मयप्पन जांच के बाद आईपीएल के सट्टेबाजी के आरोपों से बरी हो जाते हैं तो श्रीनिवासन को दोबारा पद पर बहाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच होने दीजिए और अगर वह पूरी तरह पाक साफ निकलता है तो निश्चित तौर पर उन्हंे पद पर दोबारा बहाल किया जा सकता है। लेकिन इस समय जब क्रिकेट को साफ करने की जरूरत है और जब शीर्ष स्तर पर सवालिया निशान लगा है तब यह खेल के हित में है कि श्रीनिवासन पद छोड़ दें।

सिंधिया ने कहा, मुझे नहीं पता कि इसके लिए कोई जिम्मेदार है या नहीं। लेकिन अगर किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्य पर सवालिया निशान लगता है या उस पर सवाल उठाए जाते हैं तब ऐसी स्थिति में उसके पाक साफ साबित नहीं होने तक व्यक्ति को हट जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, यह मेरा निजी नजरिया है। अस्थाई समय के लिए जब तक उनका और उनकी टीम और परिवार के सदस्यों का नाम पाक साफ नहीं होता तब तक यह खेल के हित में है :कि वह इस्तीफा दें:। इस खेल को खेल भावना के लिए जाना जाता है।

यह पूछने पर कि क्या वह यह मानने के लिए हैं कि मयप्पन सिर्फ एक क्रिकेट प्रेमी था जैसा कि श्रीनिवासन ने दावा किया है और सीएसके टीम का मालिक या टीम प्रिंसिपल नहीं, सिंधिया ने कहा, मैं इसकी गहराई में नहीं जाना चाहता। आयोग को इस मामले को देखना है।

सिंधिया ने कहा कि बोर्ड में किसी ने भी उनसे उनका नजरिया नहीं मांगा है और स्पाट फिक्सिंग मुद्दे पर अब तक उन्होंने बोर्ड में किसी से बात नहीं की है। सिंधिया ने पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के इस नजरिये का भी समर्थन किया है जांच एजेंसियों की मदद से शुरूआत से ही आईपीएल की पूर्ण जांच होनी चाहिए।

By parshv