इस मामले में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि कोई कदम उठाने से पहले हमें इटली और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों के कई पहलुओं पर ध्यान रखना होगा। हमारे लिए आम लोगों की भावनाएं बेहद अहम है।
राजदूत का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं
इससे पहले इटली के राजदूत डेनियल मैनसिनी ने कहा कि जब तक उन्हें इस देश में अवांछित घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह भारत से नहीं जाएंगे। मैनसिनी ने उम्मीद जताई कि बातचीत के जरिए इस विवाद को सुलझा लिया जाएगा।
मौजूदा विवाद को दोनों देशों के लिए ‘मुश्किल समय’ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समस्या का समाधान ढूंढने का भरसक प्रयास कर रही है। मुझे पूरा यकीन है कि दो समझदार लोकतांत्रिक देश इस समस्या से उबर जाएंगे।
परिणाम भुगतने को तैयार रहे इटलीः पीएम
वहीं इटली की दगाबाजी से पूरे देश में उपजे गुस्से को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे सख्त लफ्जों में चेतावनी देते हुए कहा कि वह हत्या के आरोपी दोनों इतालवी नौसैनिकों को वापस भेजे, वरना गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
पीएम ने कड़े लहजे में कहा, ‘इटली ने राजनयिक शिष्टाचार के हर नियम का उल्लंघन किया है। इस रुख से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा। पूरे सदन का मानना है कि इटली ने भारत को गुमराह किया।’