सोनिया मैया ने डूबा दी देश की नैया: रामदेव

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इमालवा – रांची । देश को एक ऐसा अच्छा और ईमानदार व मजबूत प्रधानमंत्री चाहिए जो साहसी हो, देश को साथ लेकर चलने वाला हो। जो खुद निर्णय ले सके। आपने तो सोनिया को देख लिया। इस मैया ने तो देश की नैया डूबो दी। मैया के डर से देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री उसकी जी हुजूरी करते हैं। इसने देश के लोकतंत्र को गिरवी रख दिया है।

सभी स्वतंत्र संस्थाओं के मुखिया इनके अधीन है। इसलिए हमें मजबूर नहीं, मजबूत प्रधानमंत्री चाहिए। राहुल गांधी कंफ्यूज्ड हैं। घंटेभर के लिए उनसे मुलाकात हुई है। दुर्भाग्य है कि उनका बौद्धिक विकास नहीं हुआ। मैं व्यक्तिवादी व्यवस्था के पक्ष में नहीं हूं। 2013 के अंत तक देश के असुरों का संहार होगा और 2014 में नए सिरे से देश के विकास की आधारशिला रखी जाएगी।

मैंने इस चुनाव में एक मजबूत प्रधानमंत्री और तीन सौ सांसद भेजने का बीड़ा उठाया है। इसमें एक झारखंड के चतरा से सांसद इंदर सिंह नामधारी भी होंगे। मैं इस चुनावी अभियान में सुबह तीन बजे से लेकर रात के दस बजे तक जुटा रहूंगा। लेकिन न तो रुकूंगा और न ही झुकूंगा। 

उक्त बातें सोमवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने कही।
स्‍वामी रामदेव रांची में चेंबर भवन में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट रांची की ओर से आयोजित राष्ट्र की ज्वलंत समस्याएं व समाधान विषयक पर बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि सरकार को मेरे दान के पैसे दिखते हैं, लेकिन लूट का बजट नहीं।
हमारे देश के बजट का एक बड़ा हिस्सा लूट में चला जाता है। यानी बजट का 80 फीसदी हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। सालाना 30 लाख करोड़ का बजट बनता है लेकिन पांच सालों तक देश के विकास के लिए कितना खर्च होता है। सबको पता है। लोगों ने मेरी संस्था को एक हजार करोड़ दान किया। वह कांग्रेस को दिखता है।
 
हमने योग, आयुर्वेद, स्वदेशी के क्षेत्र में काम किया। देश को लूटने में बैंक, बैंकर्स और मेगा कैपिटलिस्ट तीनों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
 
20 लाख करोड़ रुपए किसका है, नाम बताओ
देश की एक बड़ी संपत्ति विदेशी बैंकों में जमा है। नेहरू के समय से ही देश का पैसा लूटकर नेताओं ने बैंकों में जमा कर रखा है। यह ब्लैक मनी है। हम इसे वापस करने की मांग कर रहे हैं, तो हमें डराया जाता है। जांच होती है। जांच एजेंसियों के सर्वे के मुताबिक एक सौ से डेढ़ सौ लाख करोड़ रुपए देश के बाहर जमा है।
सब कहते हैं धर्मांतरण हो रहा है, नक्सलवाद बढ़ा है, गरीबी बढ़ी है, जनसंख्या बढ़ रहा है। इसके मूल क्या है। हमने पाया अज्ञानता और अभाव। इन दोनों कारणों से लोग धर्म बदल रहे हैं, जनसंख्या बढ़ रही है। नक्सलवाद बढ़ा है। आखिर कोई व्यक्ति नक्सलवाद में क्यों अपने को झोंकेगा। यह सब अज्ञानता और अभाव की वजह से हो रहा है।