लोकसभा चुनावों की जोरदार तैयारियों में जुटी भाजपा ने गुरूवार को इसके लिए 11 समितियां गठित करने का निर्णय किया। ये समितियां रैलियों के आयोजन से लेकर युवाओं तक पार्टी की पंहुच बनाने सहित चुनावों के विभिन्न आयामों को देखेंगी।
भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की उपस्थिति मैं पार्टी की शीर्ष नीति नि…
  
लोकसभा चुनावों की जोरदार तैयारियों में जुटी भाजपा ने गुरूवार को इसके लिए 11 समितियां गठित करने का निर्णय किया। ये समितियां रैलियों के आयोजन से लेकर युवाओं तक पार्टी की पंहुच बनाने सहित चुनावों के विभिन्न आयामों को देखेंगी।
भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की उपस्थिति मैं पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक समिति भाजपा संसदीय बोर्ड की राजधानी दिल्ली में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, मुरली मनोहर जोशी, अनंत कुमार, एम वेंकैया नायडु और नितिन गडकरी सहित सभी बारह सदस्य उपस्थित थे। पार्टी की चुनावी तैयारियों को ठोस रूप देने के लिए बोर्ड की आज की बैठक से पहले कल रात मोदी और राजनाथ सिंह के बीच चार घंटे तक विचार विमर्श हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को इन 11 समितियों की औपचारिक घोषणा की जाएगी। ये समितियां चुनावी रैलियों, जनसभाओं, घोषणा पत्र तैयार करने, प्रचार सामग्री बनाने, विज्ञापन एवं मीडिया प्रबंधन से संबंधित होंगी। इनमें समाज के विभिन्न वर्गो के युवाओं, महिलाओं और विभिन्न व्यवसाय से जुड़े लोगों तक पंहुच बनाने, ग्रामीण एवं शहरी मतदाताओं को पार्टी के प्रति आकर्षित करने, चुनाव प्रचार में लगे पार्टी के वरिष्ठ नेताऔं के कार्यक्रम तैयार करने से संबधित समितियां शामिल हैं।
बताया जाता है कि आज इन समितियों के प्रभारियों की घोषणा इसलिए नहीं की गई क्योंकि मोदी और राजनाथ सिंह उसे अंतिम रूप देने से पहले संबंधित व्यक्तियों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी विचार विमर्श करना चाहते हैं। बोर्ड की पिछली बैठक ने वरिष्ठ नेताओं के विचारों को ध्यान में रखते हुए मोदी और राजनाथ सिंह को ये समितियां गठित करने का अधिकार दिया था।
बताया जाता है कि पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दिल्ली की चुनाव अभियान संबंधी समिति का प्रभार संभालने से इंकार कर दिया है। दिल्ली चुनावौं मैं भाजपा के खराब प्रदर्शन की आंशका के चलते संभवत: उन्होंने इससे इंकार किया है। इसके अलावा पूर्व पार्टी अध्यक्ष होने के नाते वह इसे अपने लिए छोटी भूमिका मान रहे हैं। खबरों के अनुसार वह राजस्थान विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाए जाने के इच्छुक हैं।
बोर्ड की गुरूवार की बैठक में 5 अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान पार्टी द्वारा उठाए जाने वाले विषयों पर भी चर्चा हुई। सरकार की ओर से पेश होने वाले विधेयकों पर भाजपा की ओर से अपनाई जाने वली रणनीति पर विचार विमर्श हुआ। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक का भाजपा समर्थन करेगी लेकिन कुछ संशाधनों पर जोर देगी।
हालांकि बोर्ड ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 26 से 49 प्रतिशत किए जाने के सरकार के हाल के फैसले का विरोध करने का निर्णय किया है।मानसून सत्र में पार्टी उत्तराखंड में बारिश से तबाही में सरकार के बचाव एंव राहत कार्यो में बरती गई कथित ढिलाई, देश की सुरक्षा स्थिति, आई बी एवं सीबीआई के बीच मतभेद तथा भ्रष्टाचार आदि के मुद्दों को भी उठाएगी।