अब आयरलैंड में कुछ विपरीत परिस्थितियों में अबॉर्शन की इजाजत दे दी है। भारतीय सविता हलप्पनावर डेंटिस्ट की गर्भपात की वजह से हुई मौत से मचे हंगामें के बाद आइरिश सांसदों ने शुक्रवार को देश के नए अभूतपूर्व कानून के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें कुछ सीमित मामलों में गर्भपात की अनुमति दी है।बता दें कि पिछले वर्ष अक्टूबर में गर्भपात की अनुमति न मिलने की…
अब आयरलैंड में कुछ विपरीत परिस्थितियों में अबॉर्शन की इजाजत दे दी है। भारतीय सविता हलप्पनावर डेंटिस्ट की गर्भपात की वजह से हुई मौत से मचे हंगामें के बाद आइरिश सांसदों ने शुक्रवार को देश के नए अभूतपूर्व कानून के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें कुछ सीमित मामलों में गर्भपात की अनुमति दी है।बता दें कि पिछले वर्ष अक्टूबर में गर्भपात की अनुमति न मिलने की वजह से हुई भारतीय डेंटिस्ट सविता हलप्पनावर की मौत के बाद मुख्य रूप से कैथोलिक विचारधारा वाले में इस देश को अपने गर्भपात विरोधी कानून की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में 31 वर्षीय सवीता की मौत की जांच रिपोर्ट में यह बताया गया कि अगर समय उसका गर्भपात कर दिया जाता तो उसका जीवन बच सकता था। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सवीता का गर्भाशय फट जाने के बावजूद डाक्टरों ने कहते हुए उसका गर्भपात करने से मना कर दिया था कि उसके 17 सप्ताह के गर्भस्थ भ्रूण की धड़कने चल रही है। जब तक उसकी धड़कनें रुकी, तब तक हलप्पनवार के रक्त में खतरनाक रूप से जहर फैल चुका था।प्रधानमंत्री ऐडा केनी और उनकी गठबंधन सरकार ने प्रेग्नेंसी में जीवन की सुरक्षा के आशय वाला विधेयक पेश किया, जिसमें केवल उन्हीं मामलों में अबॉर्शन की अनुमति दी गई है, जहां गर्भ की वजह से जननी के जीवन पर खतरा हो या वह आत्मघाती हो। 165 संशोधनों पर संसद में चली लंबी चर्चा के बाद केल देर रात 12.30 बजे 31 के मुकाबले 127 मतों से इसे पारित कर दिया गया। देश की गठबंधन सरकार को सदन में भारी बुहमत और कुछ विपक्षी नेताओं के समर्थन की वजह से संशोधन बेहद आसानी से पारित हो गये। इस नए विधेयक पर अब ऊपरी सदन में मतदान होना है और वहां भी सत्ता पक्ष को बहुमत प्राप्त है।उधर न्यूज पेपर गार्जियन की खबर के मुताबिक, ”अबॉर्शन विरोधी समहों ने इस नए कानून को अदालत में चुनौती देने की धमकी दी है।”मुख्य रूप से कैथोलिक मतावलंबियों वाला यह देश कानून को लेकर बट गया है। विरोधियों का कहना है कि इस नए कानून से अबॉर्शन के मामलों में व्यापक इजाफा हो सकता है। वहीं दूसरों का कहना है कि इस कानून का दायरा बेहद सीमित है, क्योंकि इसमें बलात्कार या भ्रूण विकृति के मामले में अबॉर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन अबॉर्शन विरोधी प्रचारकों का तर्क है कि इस कानून से आयरलैंड की धरती पर पहली बार अजन्मे बच्चे की इरादतन हत्या की अनुमति मिल जाएगी।इससे पहले गुरुवार को आयरिश हाई कोर्ट ने नए अबॉर्शन कानून पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। संसद के निचले सदन में 24 घंटों तक चली लंबी बहस के बाद पारित हुए इस विधेयक में अबॉर्शन के लिए आयरलैंड से ब्रिटेन जाने पर रोक नहीं लगाई गई है। आयरिश स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बीते वर्ष आयरलैंड की करीब 4,000 महिलाओं ने ब्रिटेन के अस्पतालों में अपना अबॉर्शन कराया, जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र की 124 लड़कियां भी शामिल थी।