वाशिंगटन । व्हार्टन इंडिया इकॉनामिक फोरम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वक्ता के रूप में बुलाए जाने का आमंत्रण रद्द किए जाने के खिलाफ भारतीय मूल के करीब 200 अमरीकी नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
अमेरिकन फॉर फ्री स्पीच के बैनर तले विरोध करने वाले समूह ने “वी वांट मोदी” के नारे लगाए। फोरम ने फिलाडेल्फिया में यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सल्वेनियां म्यूजियम ऑफ आर्केलॉजी एंड एंथ्रोपोलॉजी में कान्फ्रेंस शुरू कर दी। पेन्सल्वेनियां दैनिक के मुताबिक कान्फ्रेंस स्थल के चारों ओर प्रदर्शन के अलावा अतिथि वक्ताओं के भाषण भी हुए।
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए अमरीका भर से प्रदर्शनकारी जमा हुए। एक बस न्यू जर्सी से और एक न्यूयार्क के क्वींस से आई बस में सवार हो कर प्रदर्शनकारी आए थे। प्रदर्शन के दौरान कान्फ्रेंस हॉल के बाहर एक प्रतीक लगाया गया था जिसमें लिखा था, “फ्री स्पीच 1776-2013 की याद में। अंग्रेजी विभाग द्वारा व्हार्टन में हत्या की गई।”
इस मौके पर भाषण देने वाले नाराइन कटारिया ने कहा कि यह प्रदर्शन “फ्री स्पीच की शव यात्रा है।” प्रदर्शनकारियों ने तख्ती थाम रखी थी जिस पर अकादमिक जेहाद बंद करो और अन्य नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शन के आयोजकों में से एक ने कहा कि यह प्रदर्शन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर हैं।
गुजरात दंगों में कथित भूमिका के आरोप में मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं दिया गया। पेन्सल्वेनियां विवि के छात्रों के एक दल की अर्जी पर उन्हें वीडियो के जरिए संबोधन का भी मौका नहीं दिया गया। मोदी से छिना यह अवसर बाद में आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल को दिया गया। केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।