ईरान-पाकिस्‍तान ने गैस पाइपलाइन की नींव रखी

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पाकिस्‍तान और ईरान ने मिलकर सोमवार को ‘गैस पाइपलाइन’ प्रोजेक्‍ट की नींव का पत्‍थर रख दिया, जिसे ‘पीस पाइपलाइन’ कहा जा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्‍तान,अमेरिका और भारत से और दूर हो गया है, क्‍योंकि अमेरिका ने इस प्रोजेक्‍ट से पाक को दूर रहने के लिए कहा था। वहीं भारत द्वारा साल 2009 में इस प्रोजेक्‍ट से हटने के बाद पाकिस्‍तान इससे जुड़ा है।बता दें कि इ… ईरान-पाकिस्‍तान ने गैस पाइपलाइन की नींव रखी

पाकिस्‍तान और ईरान ने मिलकर सोमवार को ‘गैस पाइपलाइन’ प्रोजेक्‍ट की नींव का पत्‍थर रख दिया, जिसे ‘पीस पाइपलाइन’ कहा जा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्‍तान,अमेरिका और भारत से और दूर हो गया है, क्‍योंकि अमेरिका ने इस प्रोजेक्‍ट से पाक को दूर रहने के लिए कहा था। वहीं भारत द्वारा साल 2009 में इस प्रोजेक्‍ट से हटने के बाद पाकिस्‍तान इससे जुड़ा है।बता दें कि इस गैस पाइप लाइन के जरिए ईरान, पाकिस्‍तान को गैस सप्‍लाई करेगा, जिससे पाक की बिजली की समस्‍या लगभग दूर हो जाएगी। पिछले महीने ही पाकिस्‍तान में ब्‍लैकआउट होने से पूरा देश अंधकारमय हो गया था। इस पाइपलाइन के तैयार होने के बाद पाकिस्‍तान को ऐसी किसी समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ेगा।सोमवार को इस गैस पाइपलाइन की नींव रखने के मौके पर पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी और ईरान के राष्‍ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद मौजूद थे। यह पाइपलाइन प्रोजेक्‍ट ईरान-पाकिस्‍तान के बॉर्डर पर है। ईरान इस प्रोजेक्‍ट का अपना हिस्‍से का काम लगभग पूरा भी कर चुका है और अब बस पाकिस्‍तान को 781 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाने की देर है। पाकिस्‍तान द्वारा गैस पाइपलाइन बिछाने का दो साल में पूरा किया जाएगा और इसमें लगभग 2680 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह भारी-भरकप रकम भी पाकिस्‍तान को ईरान ने लोन के रूप में दे दी है, इसलिए इस प्रोजेक्‍ट में अब कोई रोड़ा नहीं है, सिवाए अमेरिका के जो इस प्रोजेक्‍ट को पूरा नहीं होने देना चाहता है।दरअसल, अमेरिका को लगता है कि ईरान इस प्रोजेक्‍ट से होने वाली कमाई को अपने परमाणु प्रोजेक्‍ट पर खर्च करेगा। इसलिए अमेरिका ने पहले भारत को इस प्रोजेक्‍ट से दूर रहने के लिए कहा और वह 2009 में इससे हट गया। अमेरिका ने पाकिस्‍तान को भी इस प्रोजेक्‍ट से दूर रहने की हिदायद दी थी, लेकिन उसने इसे नहीं माना। पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति जरदारी का कहना है, ‘अब हम किसी भी देश के दबाव के आगे झुकने वाले नहीं है, हमें अपनी समस्‍याएं सुलझानी हैं। हमें इसके लिए जो बेहतर विकल्‍प नजर आएगा उसे अपनाएंगे।’ईरान और पाकिस्‍तान के बीच हुई इस गैस पाइपलाइन को ‘पीस पाइपलाइन’ का नाम दिया गया है, जिस पर लगभग 40350 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।