भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की जान बचाई जा सकती थी, अगर भ्रूण की जगह गर्भवती मां पर ज्यादा ध्यान दिया जाता। यह जानकारी सविता की जांच रिपोर्ट से सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि डॉक्टर्स बस भ्रूण को बचाने की कोशिश ही करते रहे। आयरलैंड में गर्भपात नहीं कराने देने की वजह से सविता की मृत्यु हो गई थी।सविता की जांच रिपोर्ट में सामने आया है…
भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की जान बचाई जा सकती थी, अगर भ्रूण की जगह गर्भवती मां पर ज्यादा ध्यान दिया जाता। यह जानकारी सविता की जांच रिपोर्ट से सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि डॉक्टर्स बस भ्रूण को बचाने की कोशिश ही करते रहे। आयरलैंड में गर्भपात नहीं कराने देने की वजह से सविता की मृत्यु हो गई थी।सविता की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सविता का हालात लगातार बिगड़ रही थी, लेकिन डॉक्टर्स ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसलिए सविता का स्वास्थ्य ऐसी स्थिति में पहुंच गया, जहां उसे बचा पाना संभव नहीं था। जांच रिपोर्ट यह भी कहती है कि इस दौरान अगर भ्रूण की जगह सविता की गिरती सेहत पर ध्यान दिया जाता तो आज वह जिंदा होतीं।हेल्थ सर्विस एक्जीक्यूटिव ने रिपोर्ट में यह भी पाया कि सविता के अहम मानकों की अपर्याप्त तौर पर निगरानी की गई। सविता की मौत खून में जहर फैलने की वजह से गैलवे यूनिवर्सिटी अस्पताल में हो गई थी। आयरिश टाइम्स ने रिपोर्ट के मसौदे का हवाला देते हुए कहा, ‘जब तक सविता के भ्रूण की मौत नहीं हो गई, तब तक जांच टीम ने मामले में हस्तक्षेप करने पर जोर नहीं दिया।हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि डॉक्टर्स ने आखिर क्यों सविता की बिगड़ती हालत को नजरांदाज करते हुए सिर्फ भ्रूण की परवाह की आखिर कौन है? सविता का असली ‘कातिल’?