दक्षिणी चीन सागर में बनाएंगे डिफेंस जोन-चीन

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बीजिंग. चीन ने कहा है कि कि अगर उसे साउथ चाइना सी यानी दक्षिणी चीन सागर में कोई खतरा महसूस होता है तो वह यहां एक एयर डिफेंस जोन बनाने में देर नहीं लगाएगा। चीन का यह एलान भारत को यह चेतावनी देने के तुरंत बाद आया है कि वह साउथ चाइना सी में तेल की खोज बिना उसकी इजाजत के नहीं करे। उधर, दक्षिणी चीन सागर में चीन की गतिविधियों को लेकर अब ऑस्ट्रेलिया ने भी अलर्ट जारी किया है। उसने बाकी देशों के साथ सहयोग की बात भी की है।
क्या कहा चीन ने
चीन के एडमिरल सुन जियांगुओ ने सैन्य परिषद की सिंगापुर में आयोजित बैठक के दौरान कहा, ‘वैसे तो हमारा यह विचार नहीं कि हम इस क्षेत्र में कोई एयर डिफेंस जोन बनाने जा रहे हैं लेकिन अगर हमें ऐसा लगता है कि हमें इस क्षेत्र के एयर स्पेस में घेरने की कोशिश की जा रही है तो हम इसे नजर अंदाज नहीं कर सकते। हम यहां एयर डिफेंस जोन जरूर बनाएंगे। हम इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं कर सकते।’
तो बढ़ेगा विवाद
चीन की इस टिप्पणी को लेकर इस मामले से जुड़े बाकी देशों की चिंता बढ़ना लाजिमी है। अमेरिका और भारत समेत कई देशों का गुस्सा चीन के इस कदम से भड़क सकता है। पिछले कुछ सालों से इस बात की आशंका पहले ही जताई जा रही है कि चीन साउथ चाइना सी में सैन्य विस्तार करने की फिराक में है और वह यहां सैन्य बेस बनाने की कोशिश कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया भी अन्य देशों के साथ
ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस मिनिस्टर केविन एंड्रूज ने कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में चीन का विस्तारवादी रवैया चिंताजनक है। स्पार्टली द्वीप को लेकर केविन ने कहा कि हम अमेरिका और अन्य देशों की चिंता से सहमत हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले अमेरिकी मीडिया में इस तरह की तस्वीरें प्रकाशित हुईं थीं जिसमें दक्षिणी चीन सागर में चीन की सैन्य गतिविधियों की झलक मिलती है।
भारत को भी दी थी चेतावनी
इसके पहले रविवार को चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि दक्षिण चीन सागर में भारत उसकी इजाजत के बिना ऑयल या गैस ब्लॉक्स नहीं तलाश सकता। भारतीय कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड इस इलाके में तेल-गैस दोहन की दिशा में काम कर रही है। चीन के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तेल या गैस की तलाश से जुड़ा कोई भी काम शुरू करने से पहले चीन से अनुमति ली जानी चाहिए। अधिकारी के अनुसार, विवादित क्षेत्र में अंतिम समझौता होने से पहले चीन यहां संयुक्त विकास की नीति को बढ़ावा देगा। सीमा विवाद पर टिप्पणी करते हुए चीनी अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि उन्होंने आपसी विवाद का असर आपसी संबंधों पर नहीं पड़ने दिया है।