पाकिस्तान में नवाज शरीफ ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल ली है। पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ बुधवार को कौमी असेंबली में औपचारिक रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए जिससे प्रधानमंत्री के रूप में उनके अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का मंच तैयार हो गया।शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए औपचारिक रूप से चुने के जाने के बाद बुधवार को शपथ…
पाकिस्तान में नवाज शरीफ ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल ली है। पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ बुधवार को कौमी असेंबली में औपचारिक रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए जिससे प्रधानमंत्री के रूप में उनके अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का मंच तैयार हो गया।शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए औपचारिक रूप से चुने के जाने के बाद बुधवार को शपथ ली। वह औपचारिक रूप से पाकिस्तान की कौमी असेंबली में प्रधानमंत्री चुने गए। शरीफ के साथ उनके मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों भी मंत्री पद की शपथ ली, जिसमें उनके करीबी सहयोगी शामिल हैं। पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशननल एसेंबली में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के 180 से अधिक सदस्य हैं।वैसे किसी को यकीन नहीं था कि नवाज शरीफ की पार्टी को पाकिस्तान की आवाम का इतना साथ मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ। पाकिस्तानी संसद के 342 सदस्यीय निम्न सदन कौमी असेंबली में मतविभाजन में 63 वर्षीय शरीफ को 244 वोट मिले। इस मतविभाजन में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार मखदूम अमीन फहीम को 42 वोट मिले। दिग्गज राजनीतिज्ञ जावेश हाशमी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार थे, उन्हें 31 वोट मिले। कौमी असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक ने मतविभाजन के नतीजे का ऐलान किया। शरीफ ने उस समय इतिहास रचा जब उन्होंने 13 साल से ज्यादा अर्से के लंबे अंतराल के बाद संसद में वापसी की। प्रधानमंत्री के रूप में उनका पिछला दौर तब खत्म हुआ था, जब पूर्व सेनाप्रमुख परवेज मुशर्रफ ने 1999 में सैन्य तख्तापलट में उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था।शरीफ ने प्रधानमंत्री के रूप में भारत के साथ रिश्ते सुधारने को अपनी प्राथमिकता बताया है। भारत को भी उम्मीद है कि अब पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में कुछ नर्मी आएगी। हालांकि शरीफ के राज में ही करगिल युद्ध पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ छेड़ा था।