अल्बर्ट आइंस्टीन से भी अधिक आईक्यू स्तर की समझी जाने वाली नेहा रामू का कहना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली परीक्षान्मुखी और तनावपूर्ण है जिसमें समझने के बजाय रटने पर बल दिया जाता है।ब्रिटेन में भारतीय मूल की 12 वर्षीय इस लड़की ने आईक्यू परीक्षा में 162 हासिल कर पिछले महीने सभी को चौंका दिया था। यह आईक्यू स्तर जाने माने वैग्यानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं स…
अल्बर्ट आइंस्टीन से भी अधिक आईक्यू स्तर की समझी जाने वाली नेहा रामू का कहना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली परीक्षान्मुखी और तनावपूर्ण है जिसमें समझने के बजाय रटने पर बल दिया जाता है।ब्रिटेन में भारतीय मूल की 12 वर्षीय इस लड़की ने आईक्यू परीक्षा में 162 हासिल कर पिछले महीने सभी को चौंका दिया था। यह आईक्यू स्तर जाने माने वैग्यानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफन हाकिंग से भी अधिक है।भारतीय डाक्टर दंपत्ति की बेटी नेहा ने मेंसा आईक्यू परीक्षण में 162 अंक हासिल किये थे जो उसकी उम्र के लिए संभावित सबसे अधिक अंक है।इस प्राप्तांक ने नेहा को ब्रिटेन में शीर्ष एक फीसदी प्रतिभाशील व्यक्तियों में पहुंचा दिया जिसका तात्पर्य है कि वह भौतिकीविद हाकिंग, माइक्रोसॉफ्ट संस्थापक बिल गेट्स और वैग्यानिक आइंस्टीन से भी अधिक तेज हैं । इन हस्तियों का आईक्यू 160 है।नेहा की सफलता पर यहां परिवार द्वारा आयोजित पार्टी के बाद नेहा ने कहा, भारतीय शिक्षा प्रणाली बहुत ही परीक्षान्मुखी और तनावपूर्ण है। दरअसल आप जो करते हैं वह चीजों को रटना तथा परीक्षा के दौरान उसे उड़ेल देना है। नेहा ने कहा कि इसके विपरीत ब्रिटेन में व्यावहारिक रूख अपनाया जाता है। समझने एवं सीखने के ऐसे तरीके पर बल दिया जाता है जहां रटने के बजाय चीजें आपके साथ बनी रहें।अपनी उपलब्धि पर उसने कहा, मेंसा परीक्षण से मुझपर कोई असर नहीं पड़ा। मैं जानती हूं कि यह इस बात की परीक्षा नहीं है कि मैं कितनी सफल होउंगी। इसने बस यह दिखा दिया है कि मेरे अंदर कुछ करने की संभावना है।बकौल नेहा, इसने वाकई कुछ बदला नहीं है सिवाय इतना कि इसने मेरे अंदर और ज्यादा विश्वास पैदा किया है कि यदि मैं लक्ष्य निर्धारित करूं और कठिन मेहनत करूं तो उसे हासिल कर सकती हूं। उसने कहा, मैं मेडिकल प्रैक्टिस के लिए भारत लौटने पर विचार कर सकती हूं।