बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी को वीजा प्रदान करने के मुद्दे पर अमेरिका अभी भी चुप्पी साधे हुए है. विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा कि हम वीजा स्वीकार करने, आवेदनों जैसे विषयों पर कुछ नहीं बोलते हैं.
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के वीजा मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा कि हम भारत के साथ अपने संबंधों को आर्थिक, सामरिक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के आधार पर देखते हैं और इन्हें हम भविष्य में भी आगे बढ़ाना चाहते हैं. गौरतलब है कि 2005 में अमेरिकी विदेश विभाग ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के आधार पर मोदी का अमेरिका दौरे के लिए दिया गया वीजा आवेदन रद्द कर दिया था.
अमेरिका बार बार यह कहता रहा है कि मोदी से संबंधित उसकी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं आया है लेकिन वह वीजा के लिए आवेदन करने को स्वतंत्र हैं और अन्य आवेदकों की तरह समीक्षा का इंतजार करें. पिछले वर्ष मोदी की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करने की योजना को भारत अमेरिकी प्रोफेसरों, पूर्व एवं वर्तमान छात्रों के एक वर्ग के विरोध के कारण रद्द करना पड़ा था.
बहरहाल, फरवरी में यू टर्न लेते हुए अमेरिका ने मोदी के बहिष्कार को समाप्त करने का संकेत दिया था तब अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल ने अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात की थी. अमेरिकी अधिकारी इसके बाद से ही कहते रहे हैं कि भारत में जो भी अगला नेता चुना जायेगा, उसका अमेरिका में स्वागत है.
पसाकी ने कहा कि हम भारत के लोगों द्वारा चुने गए नेता के साथ अपने महत्वपूर्ण सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना और महत्वाकांक्षी एजेंडा बनाना चाहते हैं. चुनाव सर्वेक्षण में मोदी के अगला प्रधानमंत्री बनने की संभावना व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.