विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और न ही जोड़ा जाना चाहिए.उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस समस्या से लड़ने के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है.

चीन के प्रभुत्व वाले सुरक्षा समूह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने यहां आई सुषमा ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी प्रकारों की कड़ी निंदा करता है. भारत पहली बार स्थाई सदस्य के रूप में एससीओ सम्मेलन में भाग ले रहा है. जून में भारत और पाकिस्तान एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य बन गए थे. सुषमा ने कहा, एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने पर पाकिस्तान को मेरी ओर से बधाई.

उन्होंने कहा, इस बैठक का भारत के लिए विशेष महत्व है क्योंकि भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह परिषद की पहली बैठक है. इसके साथ यह भी मायने रखता है कि हमारे पुराने और सबसे विस्त सहयोगी मित्र रूस द्वारा इसकी मेजबानी की जा रही है. मंत्री ने कहा, मैं इस बैठक की सफलता के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं.

सुषमा ने कहा कि किसी भी तरह के आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता. हम व्यापक, सहयोगात्मक और सतत सुरक्षा के तहत सहयोग को सतत मजबूत करने के लिए और साथ में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सुषमा ने एससीओ के सदस्य देशों की सरकारों के प्रमुखों की परिषद की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, हमें दोहराना होगा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और न ही जोड़ा जाना चाहिए.