वैंकूवर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की तीन देशों की अपनी यात्रा संपन्न कर स्वदेश रवाना हो गए। यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति और कनाडा के साथ यूरेनियम करार सहित विभिन्न महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रवानगी से पहले ट्वीट किया, ‘गहन संतोष के साथ मैं कनाडा से रवाना हो रहा हूं। यह यात्रा भारत-कनाडा संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। कनाडा के लोगों का बहुत बहुत शुक्रिय।’
मोदी ने स्वदेश रवानगी से पूर्व एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री हार्पर का विशेष रूप से शुक्रिया। एक बेहतरीन मेजबान, शानदार इंसान और बेहद करीबी दोस्त।’ प्रधानमंत्री का विमान दिल्ली की ओर बढ़ने से पहले फ्रैंकफर्ट में ईंधन भरने के लिए कुछ समय रुकेगा। मोदी की इस यात्रा में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के जरिये भारत के विकास की खातिर निवेश और तकनीक को आकर्षित करने पर विशेष जोर रहा।
इससे पहले कनाडा के तीन दिन की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैंकूवर पहुंचे और उन्होंने गुरुद्वारा खालसा दीवान में मत्था टेका एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की। मोदी के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर भी साथ थे।
मोदी सबसे पहले गुरुद्वारा खालसा दीवान पहुंचे, जहां के मुख्य ग्रंथी सोहन सिंह देव ने दोनों नेताओं को शॉल और सरोपा भेंट किया और दोनों प्रधानमंत्रियों ने माथा टेका, उसके बार पीएम मोदी ने कहा कि आपसे मेरा खून का रिश्ता है, भगवान ने हमें मौका दिया है मानवता की सेवा करने का, गुरुनानक ने कहा है कर्मभूमि में फल के लिए संघर्ष सबको करना पड़ता है रब सिर्फ लकीर देता है रंग हमें भरना पड़ता है।
इसके बाद मोदी लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि वे विश्व में रहने वाले भाई-बहनों को वैज्ञानिक तरीके से अपने जीवन-पद्धति से परिचित कराएं। उन्होंने कहा कि सबको छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए।
योग दिवस का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 जून को पूरे विश्व में शेग दिवस मनाया जायेगा जिसके लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अपने पहले संबोधन में योग दिवस मनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों-मुनियों ने योग का अविष्कार किया जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा असर होता है। संयुक्त राष्ट्र ने उनके आग्रह पर 125 दिन के अंदर ही प्रस्ताव पारित कर दिया और 177 देश इसके सहभागी बने जिसमें कनाडा भी है।