ट्रंप के ट्वीट का चीनी मीडिया ने दिया करारा जवाब

0

बीजिंग: उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण के बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर पर चीन की आलोचना करते हुए कहा कि हम चीन से बेहद निराश है। हमारे पिछले नेता उन्हें व्यापार में करोड़ों डॉलर कमाने की छूट देते रहे हैं और उत्तर कोरिया के मामले में वे अमरीका के लिए कुछ नहीं करते। हालांकि इस समस्या को चीन आसानी से हल कर सकता है।

ट्रंप के लिए शर्मिंदगी का विषय
ऊधर चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ट्रंप के ट्वीट पर अपने एक लेख में कहा कि इस ट्वीट से ट्रंप के मूड का पता चलता है। उत्तर कोरिया द्वारा किया अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण ट्रंप के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गया है,जो अमरीका तक मार कर सकती है। ट्रंप ने उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर और मिसाइल कार्यक्रमों को अपनी डिप्लोमेटिक प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर रखा है।

अमरीका ने चीन को पहले ही बहुत हानि पहुंचाई
ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि कोरियाई प्रायद्वीप के मुद्दे पर अमरीका ने चीन को पहले ही बहुत हानि पहुंचाई है। दक्षिण कोरिया में थाड मिसाइल सिस्टम की तैनाती ने चीन की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, लेकिन उत्तर कोरिया के परमाणु मुद्दे के हल के लिए अमरीका चीन पर आरोप लगा रहा है।

चीन के प्रतिबंधों के चलते दोनों देशों के संबंधों में ठहराव
ग्लोबल टाइम्स कहता है कि ट्रंप का ये कहना कि चीन इस समस्या को आसानी से हल कर सकता है,ये बताता है कि ऐसा बयान सिर्फ नौसिखुआ अमरीकी राष्ट्रपति ही दे सकता है, जिसे उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के बारे में कुछ खास पता नहीं है। लेख में कहा गया है कि चीन ने प्योंगयांग पर न्यूक्लियर और मिसाइल गतिविधियों को लेकर जबरदस्त दबाव बनाया है। यूएन सुरक्षा काउंसिल के प्रावधानों को लागू कराने के लिए चीन ने कठोर मेहनत की है। उत्तर कोरिया पर कोयले के आयात को लेकर बैन लगाया गया है।अपने पड़ोसी देश के साथ डील करने में चीन को सबसे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी है। चीन के प्रतिबंधों के चलते दोनों देशों के संबंधों में ठहराव आ गया है।

लेख के मुताबिक, यह अकारण ही है कि ट्रंप ने चीन की आलोचना की है। संभवतः उन्हें पता है कि वे जो बोल रहे हैं वो चीन के प्रति अमरीका की नीति नहीं बन सकता। लेख में आगे कहा गया है कि अगर अमरीका वाकई इस समस्या को हल करने में चीन की मदद चाहता है तो उसे पहले चीन के प्रस्ताव का सम्मान करना चाहिए। दुर्भाग्य है कि चीन उत्तर कोरिया से बातचीत के जरिए इसका हल करने की कोशिश कर रहा है और अमरीका प्योंगयांग पर सैन्य दबाव बना रहा है।