चीन ने एक बार फिर नेपाल के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने वाला कदम उठाकर भारत की चिंता बढ़ा दी है। वह नेपाल की राजधानी काठमांडू तक रेल नेटवर्क बिछाने की दिशा में बढ़ रहा है। चीन की राजदूत यू हांग ने बताया कि नेपाल की सरकार का अनुरोध स्वीकार करते हुए हमने सीमा पार रेल नेटवर्क बिछाने के लिए गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिया है। इसके लिए फिजीबिलिटी अध्ययन (सर्वे) शुरू किया गया है। चीन के मुताबिक तिब्बत के स्वायत्तशासी शीगेत्स से जीरांग तक रेल नेटवर्क 2020 तक बनना है। नेपाल चाहता है कि इसका विस्तार काठमांडू तक कर दिया जाए। ये रेललाइन 174 किलोमीटर लंबी होगी।
14 रेललाइनों को भारत दे चुका है मंजूरी
– भारत -नेपाल पहले ही 14 रेललाइनों की मंजूरी दे चुके हैं। 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है।
– इसके अलावा, यहां 15 साल में 963 किमी के 27 हाईवे बन चुके हैं। ये मंजूर हुए 4,643 किमी के 73 हाईवे में से हैं।
– भारत ने नेपाल को व्यापार के लिए 27 बॉर्डर प्वाइंट उपलब्ध कराए हैं, जबकि नेपाल को चीन सिर्फ एक या दो बॉर्डर प्वाइंट ही देता है।
– नेपाल के 65 लाख लोगों को भारत रोजगार दे रहा है। चीन ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया है।
– इतना ही नहीं नेपाल के लिए भारत ने सीमाएं भी खोल रखी हैं। वहां के 1 करोड़ लोगों का भारत घर है।
– नेपाल में 2017 में 15 अरब नेपाली रुपए का विदेशी निवेश हुआ है।