भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर

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द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बड़ा प्रोत्साहन देने वाले कदम के तौर पर भारत और थाईलैंड ने 20 वर्षों की बातचीत के बाद आज बहुप्रतीक्षित प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए।दोनों देशों ने धनशोधन, आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा सजायाफ्ता लोगों के स्थानांतरण को लेकर एक संधि को अनुमोदित किया… भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर

द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बड़ा प्रोत्साहन देने वाले कदम के तौर पर भारत और थाईलैंड ने 20 वर्षों की बातचीत के बाद आज बहुप्रतीक्षित प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए।दोनों देशों ने धनशोधन, आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा सजायाफ्ता लोगों के स्थानांतरण को लेकर एक संधि को अनुमोदित किया। इससे उन कैदियों को एक दूसरे के यहां भेजा जा सकेगा जो अपनी सजा का एक हिस्सा काट चुके हैं।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी थाई समकक्ष यिंगलक शिनावात्रा के बीच बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और शिक्षा में सहयोग से जुड़ा समझौता भी शामिल है।भारत की वित्तीय खुफिया इकाई और थाईलैंड के धनशोधन विरोधी संगठन के बीच धनशोधन एवं आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराए जाने से संबंधित खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान पर सहयोग को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।इस सहमति पत्र से धनशोधन और धनधोशन से संबंधित आपराधिक गतिविधि तथा आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराने के संदर्भ में जांच में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसमें इस तरह के मुद्दों पर सूचना एकत्र करने, विश्लेषण करने और आदान प्रदान करने में मदद की बात भी शामिल है।