लाहौर। पाकिस्तान सरकार को गिराने के एलान के साथ मैदान में उतरे मौलाना ताहिर उल-कादरी ने अफवाहों को दरकिनार करते हुए अपने पीछे देश की ताकतवर सेना का हाथ होने से इन्कार किया है। सेना और कमजोर सरकार में बढ़ते तनाव के बीच कादरी इस हफ्ते आंदोलन के आह्वान के साथ कनाडा से पाकिस्तान पहुंचे हैं। कादरी के पूरे पाकिस्तान में धार्मिक स्कूल हैं। उनके काफी समर्थक इन्हीं स्कूलों से संबंधित हैं।
कादरी के पाकिस्तान पहुंचने से सेना द्वारा सरकार को अपदस्थ करने की अफवाहों को बल मिला है। यह मानने वालों की बड़ी संख्या है कि कादरी को सेना का समर्थन हासिल है। कादरी ने हालांकि इससे इन्कार करते हुए कहा, ‘अगर सेना तख्तापलट की कोशिश करती है तो मैं उसके खिलाफ लड़ूंगा। मैं सैन्य शासन के खिलाफ हूं। मेरा मकसद खालिस लोकतंत्र है।’
कादरी ने शांतिपूर्ण आंदोलन के आह्वान को फिर दोहराया। उन्होंने कहा, ‘मैं जनता के संघर्ष के सहारे अपना लक्ष्य हासिल करूंगा। जनता सड़कों पर उतरकर सरकार को सत्ता छोड़ने के लिए विवश करेगी।’