बीजिंग। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर प्रभाव पड़ेगा। चीनी अखबार ने यह दावा किया है। अखबार के मुताबिक, ट्रंप दूसरे देशों को लेकर जो नीतियां अपनाएंगे, उसका असर भारत पर भी पड़ेगा। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि ट्रंप अपने देश में संरक्षणवादी नीतियों को जारी रखेंगे।
ट्रंप के इस कदम से उन कंपनियों को नुकसान पहुंचेगा जो भारत और भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए आउटसोर्सिंग करती हैं। खासकर आईटी और फार्मा सेक्टर में। फिलहाल, शिक्षित और तकनीकी तौर पर कुशल लोगों की तादाद के मामले में भारत दुनिया के प्रमुख देशों में एक है। ट्रंप का ‘ब्रिंग जॉब्स बैक टु अमरीका (नौकरियों को वापस अमेरिका लाओ)’ मोदी के मेक इन इंडिया के लिए बड़ी चुनौती है।
रिपोर्ट में कहा, ‘पिछले कुछ सालों में भारत और अमरीका के रिश्तों में लगातार प्रगति हुई है। खासकर बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत पर काफी ध्यान दिया। लेकिन ट्रंप प्रशासन के दौरान अगले चार साल के भीतर भारत और अमरीका के बीच रिश्तों पर प्रभाव पर सकता है।’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘अमेरिका की अपने एशियाई सहयोगियों मसलन, जापान और साउथ कोरिया के साथ संबंधों को जारी रखने वाला कदम भारत के लिए हितकर होगा। साथ ही दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका का जो रुख है, उसकी वजह से भारत और अमेरिका साथ आ सकते हैं और इससे सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। ऐसा कहा जा सकता है कि आने वाले वक्त में भारत और अमेरिका के बीच विचारों में मतभेद होंगे और दोनों देशों के बीच हितों का टकराव होगा, लेकिन ट्रंप प्रशासन के दौरान शायद ही दोनों देशों के आपसी रिश्तों में गिरावट आए।’