मॉस्को. सीरिया मुद्दा फिर गरमाने लगा है। रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश सीरिया से हुए समझौते का नाजायज लाभ उठा रहे हैं। वे सुरक्षा परिषद में अपनी मर्जी का प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिमी देश राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दे रहे हैं। राष्ट्रपति असद ने कहा कि अमेरिका युद्ध का बहाना खोज रहा है।
 
 
खुद को विजयी दिखाना चाहते हैं पश्चिमी देश: असद
 
असद ने चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, पश्चिमी देशों के प्रस्ताव से कोई परेशानी नहीं है। पश्चिमी देश खुद को विजयी दिखाना चाहते हैं। इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश सीरिया में रासायनिक हथियारों की निगरानी के लिए अपने निरीक्षक भी अंतरराष्ट्रीय टीम में भेजना चाहता है। रूस सेना या सैन्य पुलिस भी भेजने को तैयार है।
 
 
असद और विपक्षी दोनों शांति वार्ता पर सहमत
 
असद विरोधी विपक्षी गठबंधन के नेता अहमद जारबा ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिख कर कहा है कि वे सीरिया पर जेनेवा में होने वाली शांति वार्ता में शामिल होने को तैयार हैं। इससे लगता है कि असद और विपक्षी दोनों शांति वार्ता पर सहमत हैं। लेकिन जारबा का विद्रोही गुटों पर नियंत्रण नहीं है जिसके पास विदेशी लड़ाके भी हैं। इससे लगता है कि शांति वार्ता के बाद भी गृहयुद्ध थमने के आसार नहीं हैं।
 
 
सीरिया स्थित रूसी दूतावास पर हमला
 
राजधानी दमिश्क में रूसी दूतावास पर रविवार को रॉकेटों और मोर्टारों से हमला किया गया। इसमें चार लोग घायल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि रूसी प्रस्ताव के बाद अमेरिका ने सीरिया पर हमला टाल दिया दिया। इससे असद विरोधी लड़ाके नाराज हैं।
 
 
मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड पर लगा प्रतिबंध
 
काहिरा. मिस्र की एक अदालत ने सोमवार को मुस्लिम ब्रदरहुड को प्रतिबंधित कर दिया और उसकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। सरकारी टेलीविजन ने खबर दी है कि काहिरा स्थित प्रशासनिक अदालत ने इस इस्लामी संगठन को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया। अदालत से ब्रदरहुड के गैर सरकारी संगठन को मिले दर्जे की समीक्षा का आग्रह किया गया था। बीते तीन जुलाई को राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से बेदखल करने के बाद से सैन्य अधिकारी मुस्लिम ब्रदरहुड के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम ब्रदरहुड अपील कर सकता है।

By parshv