साउथ अफ्रीका के डरबन में बदमाशों ने भारतीय काउंसल जनरल शशांक विक्रम के घर में घुसकर लूटपाट की। बदमाशों ने बंदूक की नोक पर उनके बच्चों, घरेलू स्टॉफ और घर पढ़ाने आए टीचर को भी कुछ समय तक बंधक बनाए रखा। इस वारदात पर रोष जताते हुए भारत ने दक्षिण अफ्रीका को विएना सम्मेलन के तहत राजनयिक स्टाफ और उसकी संपत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी याद दिलाई। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अफसरों से बात की और विक्रम को मदद का भरोसा दिया।
जानकारी के अनुसार लुटेरे सरकारी आवास का मुख्यद्वार तोड़ते हुए अंदर घुस आए और रास्ते में आए एक गार्ड पर हमला किया। हमले के वक्त शशांक विक्रम की पत्नी मेघा सिंह और उनके दोनों बच्चे घर पर ही थे। लुटेरों ने विक्रम के पांच साल के बेटे को बंदूक की नोक पर रखकर नकद और सोने की मांग की। फिर उन्होंने मेघा और उसके दस साल के बेटे को अपने कब्जे में लिया। हमलावरों ने पूरी इमारत को तहस-नहस कर दिया। मौका देखकर मेघा ने सुरक्षा अलार्म बजा दिया। जिसके बाद सुरक्षाकर्मी वहां पहुंच गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमने संबंधित अधिकारियों से बात की है और मामले की जांच हो रही है। हमें उम्मीद है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेश में तैनात भारतीय राजदूतों और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, साथ ही उनके परिवार की सुरक्षा के प्रति भारत सरकार प्रतिबद्ध है।