अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक नजीर पेश की है, उन्होंने अपने वेतन का करीब पांच प्रतिशत यानी 20 हजार डालर सरकारी खजाने को लौटाने का फैसला किया है। इससे एक दिन पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने भी इसी तरह का कदम की घोषणा की थी।अमेरिका इस समय भयंकर आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। बजट के साथ-साथ सरकारी नौकरियों पर भी मंदी का असर पिछले दिनों वहां द…
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक नजीर पेश की है, उन्होंने अपने वेतन का करीब पांच प्रतिशत यानी 20 हजार डालर सरकारी खजाने को लौटाने का फैसला किया है। इससे एक दिन पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने भी इसी तरह का कदम की घोषणा की थी।अमेरिका इस समय भयंकर आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। बजट के साथ-साथ सरकारी नौकरियों पर भी मंदी का असर पिछले दिनों वहां देखने को मिला। ऐसे में राष्ट्रपति ओबामा ने एक छोटा लेकिन कारगार रास्ता लोगों को सुझाया है आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए। अमेरिकी राष्ट्रपति का वेतन चार लाख डालर सालाना (दो करोड़ रूपये से अधिक) है और देशवासियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए वह करीब 20 हजार डालर (10 लाख रूपये से अधिक) सरकारी खजाने को लौटाएंगे। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने बुधवार को बताया, ‘कांग्रेस के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति का वेतन कानून द्वारा तय किया जाता है और उसे बदला नहीं जा सकता। लेकिन राष्ट्रपति ने फैसला किया है कि संघ सरकार में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे त्याग के तहत वह भी सरकारी खजाने में अपने वेतन का एक हिस्सा जमा कराएंगे।ओबामा की मासिक आधार पर सरकारी खजाने के लिए चेक काटने की योजना है जो एक मार्च से प्रभावी मानी जाएगी, लेकिन वह पहला चेक अप्रैल में काटेंगे। इससे एक दिन पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने भी इसी प्रकार के कदम की घोषणा की थी। उधर सीनेटर मार्क बेगिच ने भी ऐलान किया था कि वह स्वैच्छिक रूप से अपने वेतन का कुछ हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराएंगे और उनके स्टाफ के आधे से अधिक सदस्यों ने भी इसी प्रकार का कदम उठाया है।एक कहावत है- जैसा राजा वैसी प्रजा, ओबामा ने भी शायद यह कहावत जरूर सुनी होगी और अब उस पर अमल भी कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने सबसे पहले खुद के वेतन से सरकारी खजाने में कुछ रकम देने की बात कही और अब उनको देख कर बाकी लोग भी अपनी मर्जी से ऐसा करने के लिए तैयार हो गए हैं।वैसे भारत में भी विभिन्न समस्याओं से लड़ने के लिए हमारे राजनेता ऐसा कदम उठाएं, तो देश के कई समस्याओं को जड़ से उखाड़ा जा सकता है।