पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की संकट में फंसी अर्थव्यवस्था की कमजोर तस्वीर पेश करते हुए गुरुवार को कहा कि मित्र राष्ट्र भी अब पाकिस्तान को ऐसे देश के रूप में देखने लगे हैं जो लगातार पैसे की भीख मांगता रहता है। शरीफ ने कहा कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है और हम पिछले 75 साल से कटोरा लेकर भटक रहे हैं।
शरीफ का हवाला देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बुधवार को वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या उन्हें फोन करते हैं, तो वे सोचते हैं कि हम उनसे पैसे मांगने आये हैं।’ शरीफ के अनुसार, पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही थी… अब बाढ़ ने भी इसे और अधिक मुश्किलों में डाल दिया है।
30 साल में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा पाक
नकदी की कमी से जूझ रहा यह देश पिछले 30 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ से भी जूझ रहा है। इस साल जून माह की शुरुआत से बाढ़ के कारण 1,400 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 3.3 करोड़ लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। बाढ़ की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को दोहरी चोट लगी है।
वहीं देश का एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया। यहां हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से लगभग 78,000 वर्ग किलोमीटर (2.1 करोड़ एकड़) फसल पानी में डूब गई है और करीब 12 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है। अभी भी कई प्रांतों में लोग राहत शिविरों में शरण लिए हैं। पाकिस्तान की मदद के लिए अमेरिका समेत कई देश आगे भी आए हैं।