हाफ़िज़ सईद ने मोदी – शरीफ वार्ता को लेकर उगला जहर

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इस्लामाबाद। प्रायोजित आतंकवाद को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ के मध्य चर्चा से पड़ोसी मुल्‍क में बवाल मचा हुआ है. भारतीय प्रधानमन्त्री की और से आतंकवाद को लेकर दो टूक बात किये जाने की जानकारी सामने आने के बाद पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है | वहां पंजाब प्रांत की असेंबली में मोदी के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश हुई. हालांकि, यह सफल नहीं हुई |

पंजाब प्रांत की कमान मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के हाथों में है जो प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं. 372 सदस्यों वाली असेंबली में विपक्षी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ, पीपीपी, पीएमएल-क्यू और जमात ए इस्लामी मोदी विरोधी प्रस्ताव लाना चाहते थे लेकिन सदन के अध्यक्ष राणा इकबाल ने इसकी इजाजत नहीं दी.

नवाज शरीफ ने मंगलवार को नई दिल्ली में मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान मोदी ने नवाज शरीफ कहा कि पाकिस्‍तान आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्‍तेमाल न होने दे और अब व्‍यापार पर जोर दिया जाए.

मोदी के इस बयान पर विपक्षी दल के सदस्यों ने भारत विरोधी और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और सदन की कार्यवाही के एजेंडे की प्रतियों को फाड़ दिया. विपक्ष के नेता महमूदुर रशीद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है |

दूसरी और मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद ने फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। आबपारा चौक में समर्थकों को संबोधित करते हुए सईद ने कहा कि कश्मीर को भारतीय कब्जे से मुक्त कराने के लिए भारत के खिलाफ आखिरी जिहाद का वक्त आ गया है।
रैली में करीब 10 हजार लोग मौजूद थे। आबपारा चौक आई एसआई के मुख्यालय से चंद कदम दूर आया हुआ है। बुधवार को पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 16 वीं बरसी थी। इस मौके पर सईद ने तकबीर सम्मेलन रखा था।

इसमें आईएसआई के प्रमुख हामिद गुल,सीनेटर तल्हा महमूद,और दक्षिण पंथी राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख भी मौजूद थे। सईद ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की हालिया भारत यात्रा को लेकर भी निशाना साधा। सईद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर नवाज शरीफ ने कश्मीर की जनता से धोखा किया है।

सईद ने कहा,मिस्टर प्राइम मिनिस्टर आपने नरेन्द्र मोदी से हाथ मिलाकर कश्मीर की जनता की पीठ में छुरा घोंपा है। कश्मीर की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी। सईद ने पाकिस्तान की सरकार को सलाह दी कि उसे भारत के साथ अपने प्रेम प्रसंग को आगे बढ़ाने से बचना चाहिए क्योंकि ऎसा करना निरर्थक है।