हम सभी अपने घरों में अलग- अलग डिजाइन के फर्नीचर का इस्तेमाल करते हैं ताकि हम अपने घर को अलग लुक दे सके। कई बार घर के महंगे फर्नीचर और डिजाइन वास्तुदोष का कारण बन सकते हैं। इस वजह से घर की शांति भंग हो सकती हैं। साथ ही आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं घर में फर्नीचर लगाते समय किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।
– वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी-कभी भारी भरकम फर्नीचर आपके घर में परेशानियां ला सकता हैं। इसलिए हमेशा घर में हल्के फर्नीचर लगाएं। अगर घर में भारी फर्नीचर पहले से है तो उसे घर की दक्षिण और पश्चिम दिशा में रखें। अगर घर में फर्नीचर का काम करवा रहे हैं तो दक्षिण या पश्चिम दिशा से शुरू करवा रहे हैं तो उत्तर या पूर्व दिशा में खत्म होना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने से कभी भी किसी तरह का आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
– दिशा का ध्यान नहीं रखने पर परिवार के सदस्य बीमार हो सकते है। घर में क्लेश की समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा हमेशा हल्के रंग के फर्नीचर का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे घर में पॉजिटिविटी रहती है।
– फर्नीचर खरीदते या बनवाते समय लकड़ी का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ लकड़ियों को शुभ और अशुभ माना गया है। घर के लिए शीशम, चंदन, सागवान, साल ,अर्जुन और नीम की लकड़ी से बना फर्नीचर खरीदना शुभ होता है।
– वास्तु शास्त्र में हर दिन अलग वस्तु खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है। शुभ दिनों में फर्नीचर खरीदना अच्छा होता है। इसके अलावा शनिवार, मंगलवार और अमावस्या के दिन फर्नीचर नहीं खरीदना चाहिए। राहुकाल में भी चीजों को खरीदना अशुभ माना गया है। ऑफिस या कार्यस्थल पर हल्के स्टील के फर्नीचर का इस्तेमाल करना अच्छा होता है।
– वास्तु के अनुसार गोलाकार, घुमावदार फर्नीचर से बचना चाहिए। घर में लोहे का फर्नीचर नहीं रखना चाहिए। अगर पहले से है तो उसे पेंट करवाकर उत्तर पश्चिम दिशा में रख दें।