इमालवा – भोपाल। मध्य प्रदेश में कई वर्तमान विधायको की दुबारा उम्मीदवारी अपनी – अपनी पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकती है | रिपोर्ट कार्ड में इन विधायको के प्रति जनता के साथ ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी उभरकर सामने आई है | भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के अलग – अलग सर्वे में सामने आये इन तथ्यों पर यदि गौर किया गया तो दोनों दलों को आगामी विधानसभा चुनावों में कई सीटो पर नए चेहरे आजमाना पड़ेंगे |
सूत्रों के अनुसार सर्वे मे सामने आया है की भाजपा को पिछली जीती लगभग 90 सीटों पर नए उमीदवार मैदान में लाना होंगे, वहीँ कांग्रेस को भी पिछले हारे उम्मीदवारों के साथ ही राज्य के पैंतीस वर्तमान विधायको के भी टिकट बदलना पड़ेंगे |
सर्वे में भाजपा एवं कांग्रेस की लगभग साठ – साठ सीटो पर निश्चित जीत बताई गई है | बाकी बची सीटो में से 90 सीटें ऐसी है जहां भाजपा जीत सकती है, लेकिन पार्टी को कड़े निर्णय लेकर उम्मीदवार बदलना पड़ेंगे | इसी तरह कांग्रेस के तीस से ज्यादा वर्तमान विधायको के प्रति भी लोगो की एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बात सामने आ रही है |
प्रदेश में फिलहाल भाजपा के पास 230 सीटों में से 152 सीटें हैं।
सूत्रों का कहना है कि सर्वे में जातिगत समीकरण, जनता का नजरिया एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की राय को निष्कर्ष का आधार रखा गया था | बीजेपी की मिशन 2013 की तैयारियां जारी हैं और वह हर हाल में जीत की हैट्रिक बनाना चाहती है। दूसरी और कांग्रेस पिछले लगातार दो चुनावों में पराजित हो चुकी है | दोनों ही दलों को चुनाव में जीत दर्ज करानी है तो उम्मीदवारी को लेकर कड़े फैसले तो लेने ही होंगे |
सर्वे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी भी प्रदेश की जनता की पहली पसंद बने हुए है |