कांग्रेस को नहीं मिलेगा नेता विपक्ष का पद

0

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस को देने से इनकार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में साफ कर दिया है कि लोकसभा में उनकी पार्टी को विपक्ष के नेता का पद देना संभव नहीं है। 
लोकसभा में कांगे्रेस के 44 सदस्य हैं, जबकि सदन में मुख्य विपक्षी दल केरूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए कम से कम 55 सदस्य होने जरूरी हैं। 

सूत्रों के अनुसार महाजन ने पूर्व लोकसभा अध्यक्षों की व्यवस्थाओं, परंपराओं और कानूनी विशेष्ज्ञों की सलाह के आधार पर यह फैसला किया है। अध्यक्ष ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि 1969 से पहले तक लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं था। 
इसी तरह 1980 और 1984 में भी विपक्ष के नेता का पद किसी को नहीं दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों की भी राय ली गई है जिसमें अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी शामिल हैं। कांग्रेस ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया है। 

पार्टी महासचिव शकील अहमद ने कहा कि अगर अध्यक्ष ने इस तरह का फैसला लिया है तो यह आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि 1977 के नियम के तहत सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को विपक्ष का नेता बनाया जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि किस आधार पर यह फैसला लिया गया है, इसकी पूरी जानकारी होने के बाद ही पार्टी अगले कदम पर विचार करेगी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर से पिछले माह लोकसभा अध्यक्ष महाजनको एक ज्ञापन दिया गया था जिसपर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 60 सांसदों के हस्ताक्षर थे और इस आधार पर उसे विपक्ष के नेता का पद देने की मांग की गई थी। 

महाजन ने सोमवार को कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष नियमों से बंधा होता है। वह अपने विवेक से फैसला नहीं कर सकता। वह भी विपक्ष के नेता के पद के मसले पर फ ैसला लेते समय पूर्व अध्यक्षों के निर्देशों और नियमों का पालन करेंगी।