भोपाल-इंदौर हाइवे पर विकसित हो रहा है हार्टिकल्चर कॉरिडोर

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मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने की मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की योजना फलीभूत होती दिख रही है। प्रदेश में उद्यानिकी विकास के हरसंभव उपाय हो रहे हैं। इसी कड़ी में भोपाल-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए हार्टिकल्चर कॉरिडोर (उद्यानिकी गलियारा) विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग में देवास, शाजापुर और उज्जैन भी शामिल है, वहाँ हार्टिकल्चर कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है।

हार्टिकल्चर कॉरिडोर की योजना में हितग्राहियों को 4000 वर्ग मीटर तक नेचुरली वेंटीलेटेड पाली हाऊस, इन्सेक्ट प्रूफ शेडनेट हाऊस के निर्माण, पॉली हाऊस में पुष्प और शेडनेट हाऊस में सब्जी पौध रोपण तथा विंड ब्रेकर्स (बाँस) पौध रोपण पर निर्धारित लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। यह परियोजना क्लस्टर में क्रियान्वित हो रही है। स्ट्रक्चर के इंश्योरेंस का प्रावधान भी किया गया है। प्रथम वर्ष के इंश्योरेंस के लिए हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान रखा गया है। उच्च गुणवत्तायुक्त स्ट्रक्चर का निर्माण जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगाँव द्वारा किया जा रहा है।

हार्टिकल्चर कॉरिडोर विकसित करने की योजना से गुणवत्तायुक्त पुष्प एवं सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

हार्टिकल्चर हब पॉलिसी

उद्यानिकी के विस्तार के लिए क्रियान्वित की जा रही हार्टिकल्चर हब पॉलिसी में बुरहानपुर, शाजापुर, उज्जैन एवं मंदसौर जिले को शामिल किया गया है। यह परियोजना जन-निजी भागीदारी से क्रियान्वित होगी। इसमें फसलोत्तर प्रबंधन के साथ-साथ ग्रेडिंग, बेडिंग एवं शीत श्रंखला की व्यवस्था की जायेगी। योजना के सफल क्रियान्वयन से सुनिश्चित बाजार और बेकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिकेंज का विकास होगा। हार्टिकल्चर हब स्थापित होने से उद्यानिकी एवं उसे प्रभावित करने वाले सभी घटकों के साथ-साथ विपणन एवं प्र-संस्करण एक ही प्लेटफार्म पर तैयार हो सकेंगें।

औद्योगिक निवेश

प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने तथा औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए अन्य प्रदेशों की तुलना में बेहतर ढंग से लागू खाद्य प्र-संस्करण नीति पर अमल किया जा रहा है। अब तक 15 जिले में 31 नये कोल्ड स्टोरेज स्थापित करवाए गये हैं। इन कोल्ड स्टोरेज की कुल भण्डारण क्षमता एक लाख 97 हजार मीट्रिक टन है। चालू माली साल में 10 नये कोल्ड स्टोरेज स्थापित किये जा रहे हैं। नीति लागू होने के वर्ष 2012-13 में खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में उद्योग स्थापित कर 86 करोड़ तथा वर्ष 2013-14 में 114 करोड़ का निवेश करवाया गया।