भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के भारत हेवी इलेक्टिकल्स (भेल) क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा अस्पताल के एक हिस्से की छत शुक्रवार को ढह जाने से उसके मलबे में 20 से ज्यादा लोग दब गए। इस हादसे में एक की मौत को गई है, वही 15 मरीज घायल हुए हैं। राहत व बचाव कार्य जारी है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम को अस्पताल के महिला वार्ड की छत अचानक ढह गई। छत के मलबे की चपेट में 20 से ज्यादा लोग आ गए। महिला वार्ड में हादसे के समय 14 मरीज थे। मरीजों की तीमारदारी में कितने लोग वहां मौजूद थे इसका ब्यौरा नहीं मिल पाया है।
पुलिस महानिरीक्षक उपेंद्र जैन ने बताया कि 15 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने मलबे में आठ से दस लोगों के फंसे होने की आशंका जताई और कहा कि उन्हें बाहर निकालने का काम चल रहा है। मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन, क्रेन आदि का सहयोग लिया जा रहा है। जिलाधिकारी निकुंज श्रीवास्तव ने कहा कि 15 महिला मरीजों को निकाल लिया गया है। तीन लोगों के और दबे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि किसी के भी मलबे में दबे होने की आशंका बने रहने तक राहत व बचाव कार्य तब तक जारी रहेगा।
सूत्रों के अनुसार हादसे में एक महिला की मौत हो गई है, वहीं मलबे से निकाली गई महिला मरीजों को चोटें आई हैं। घायलों में दो की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने अभी तक मौत की पुष्टि नहीं की है। प्रदेश सरकार ने घायलों को 50-50 हजार की राहत राशि देने का ऐलान किया है।
कस्तूरबा अस्पताल भेल का अस्पताल है। इस अस्पताल का निर्माण 1966 में हुआ था। भेल प्रबंधन का कहना है कि महिला वार्ड की मरम्मत का काम चल रहा था। इस दौरान कई महिला मरीज भी भर्ती थीं। शुक्रवार की शाम को अचानक महिला वार्ड की छत ढह गई। हादसे के समय महिला मरीज, उनकी तीमारदारी करने वाले व भवन निर्माण मजदूर मौजूद थे। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने का काम रात तक युद्ध स्तर पर जारी था। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जा रहा है।
हादसे की जानकारी मिलते ही सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई अन्य नेता मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
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