मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंहस्थ का आयोजन सुचारू व्यवस्थाओं के बीच बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है। लाखों श्रद्धालु, साधु-संत और नागरिक सिंहस्थ में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं । इसके कारण सिंहस्थ दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज उज्जैन में मोहनपुरा में विक्रम विश्वविद्यालय, हिन्दी ग्रंथ अकादमी तथा भोपाल उत्सव मेला समिति द्वारा आयोजित चैतन्य प्रवाह विमर्श श्रखंला के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री चौहान ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ के साथ-साथ वैश्विक समस्याओं के निदान एवं लोगों के जीवन में सुख-शांति लाने के लिए 12 से 14 मई को निनोरा में वैचारिक महाकुंभ होने जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, श्रीलंका एवं नेपाल के राष्ट्रपति सहित 68 देश के प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रदेश सरकार आम आदमी के जीवन में खुशियाँ देखना चाहती है। इसके लिये आनन्द मंत्रालय के गठन पर विचार चल रहा है, जो लोगों को जीवन में शांति और खुश रहने का मार्ग दिखाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि युवाओं के अन्तर्मन से सेवा-भाव को देखकर विश्वास हो गया है कि अब दुनिया भारत को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। धर्म की नगरी उज्जैन जहाँ 33 करोड़ देवताओं का निवास है, संत-जन का जमावड़ा है, उसे छोड़कर भोपाल में रहने की इच्छा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पंचक्रोशी यात्रा का दृश्य अद्भुत है। लोग सिर में गठरी, हाथ में झोला तथा दरी एवं चादर लिये गर्मी की चिंता किये बगैर मौन-साधना कर रहे हैं। इन तीर्थ-यात्रियों के त्याग को देखकर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई है।

दैनिक भास्कर समूह के अध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सारी दुनिया हिन्दुस्तान की ओर देख रही है। योग एवं अध्यात्म से जीने की कला से देशवासियों को जो मानसिक एवं पारिवारिक शांति मिलती है, उसे देखते हुए भारतवासियों को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विक्रम संवत पर आधारित शासकीय डायरी, गोस्वामी बंधुओं की महाकुंभ पर आधारित भजन की सी.डी. एवं रचना पत्रिका का विमोचन तथा हिन्दी ग्रंथ अकादमी की पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन भी उपस्थित थे।

By parshv