जिले के कालूखेड़ा में तीन दिवसीय जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले का समापन आज हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि श्री धीरज सिंह सरसी थे। अध्यक्षता जनपद पंचायत कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष श्री बलवंत सिंह चंद्रावत ने की। विशिष्ट अतिथियों के रूप में प्रगतिशील कृषक श्री बी.आर पाटीदार, मंदसौर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.पी.त्रिपाठी, जी.एस चुंडावत, कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के प्रमुख डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, प्रगतिशील कृषक श्री नानालाल धाकड़ तथा श्री डी.आर. पचोरी थे। समापन अवसर पर लगभग 1,000 कृषक मौजूद थे। इनमें 100 से अधिक महिला कृषक भी थी। इस अवसर पर सर्वोत्तम कृषकों को पुरस्कार भी अतिथियों द्वारा प्रदान किए गए। इसके साथ ही शासकीय विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी एवं प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगाए गए इंस्टॉल भी पुरस्कृत किए गए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री धीरज सिंह सरसी ने कहा कि कृषि विज्ञान मेले से उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी लेकर जा रहे किसान इन तकनीकों को किसान अपने खेतों में आजमाएं। इस मेले से किसानों को उन्नत बीजों की वैराइटी, उन्नत कृषि शासकीय योजनाओं की जानकारी बागवानी की तकनीक इत्यादि सीखने को मिली है। जरूरत यह है कि किसानों को लगातार इस प्रकार की जानकारी मिलती रहे इसके लिए जिले में प्रत्येक 15 से 20 गांव का क्लस्टर बनाकर इनमें से मध्य के किसी एक गांव को कृषि का रोल मॉडल बनाया जाए जहां किसानों को सम्पूर्ण जानकारी मिल सकें। इस मेले में दी गई वैज्ञानिक जानकारियों को कृषि विभाग छोटे-छोटे ब्रोशर के रूप में किसानों को उपलब्ध करवाएं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं श्री बलवंत सिंह चंद्रावत ने कहा कि खेती इस देश का आधार है जैविक खेती हमारे देश की विरासत है किसानों को लगातार वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा ले जाए जाने वाले कृषक भ्रमण में हर बार नए कृषकों को चुना जाए।

विशिष्ट अतिथि उन्नति शील कृषक श्री बी.आर. पाटीदार ने कहा कि परंपरागत खेती के साथ ही जैविक खेती बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हमें फिर से जैविक खेती की ओर मुड़ना होगा। रासायनिक खेती का दुष्परिणाम पंजाब में देखा जा सकता है जहां बड़ी संख्या में कैंसर रोगी घरों में है। पंजाब की जमीन भी रासायनिक प्रभावों से बंजर होती जा रही है।

उपसंचालक कृषि श्री जीएस मोहनिया ने अपने उद्बोधन में कृषि विज्ञान मेला आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय मेले में लगभग 15 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। जिनके माध्यम से किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. डी. आर. पचोरी ने तथा आभार सहायक संचालक श्री केशव सिंह गोयल ने माना।