कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों अपनों से खुश नहीं हैं. यही कारण है कि वह अपने को डूबता हुआ सूरज और हठ को नुकसानदायक बताने से भी नहीं हिचक रहे हैं.
मध्य प्रदेश की कांग्रेस की राजनीति में दिग्विजय सिंह सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं. बीते दो दशक में राज्य में कांग्रेस की राजनीति में वही हुआ है, जो उन्होंने चाहा है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हालात में कुछ बदलाव आया है, कांग्रेस ने केंद्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर अघोषित तौर पर नया चेहरा सामने लाया है.
पार्टी ने एक तरफ जहां सिंधिया को आगे किया है, वहीं सिंधिया और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ की जुगलबंदी ने दिग्विजय सिंह को राज्य में काफी कमजोर किया है. यह नजर भी आ रहा है. यही कारण है कि उन्हें बीते दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चार रैलियों में पिछली कतार में बैठना पड़ा है. इसे कुछ लोग रणनीति का हिस्सा भी मानते हैं. दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर की सभा में राहुल गांधी की मौजूदगी में अपनी नाराजगी भी अपने ही अंदाज में जाहिर की थी.
उन्होने कहा, ‘डूबते हुए सूरज को कौन पूजता है, उगता सूरज जो मंच पर है, उसे हम सब प्रणाम करते हैं.’ इतना ही नहीं इंदौर में तो उन्होंने स्वीकार भी कर लिया था, कि डूबता सूरज वे ही हैं. ग्वालियर की सभा में दिग्विजय ने जहां खुद को डूबता सूरज बताया था, वहीं कहा था कि वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने मंच पर कभी नहीं बोलते हैं, मगर बाल हठ के आगे उन्हें बोलना पड़ रहा है.
वहीं गुरुवार को ट्वीटर में हठ को नुकसानदायक बताकर नए सवाल खड़े किए हैं. दिग्विजय ने अपने ट्वीट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना शोभन सरकार पर उनकी टिप्पणी और फिर पलटी खाने पर हमला बोला है. इस ट्वीट में दिग्विजय ने एक तरफ मोदी पर हमला बोला है तो दूसरी ओर हठ को नुकसानदायक बताया है.