इमालवा – भोपाल। प्रदेश में भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस ने प्रशासनिक अधिकारियों पर भी दवाब बढ़ा दिया है | कांग्रेस ने रणनीति के तहत प्रदेश के आधा दर्जन कलेक्टरों समेत अन्य अधिकारियों की करीब 500 शिकायतें चुनाव आयोग में की हैं । बताया जा रहा है की इन शिकायतों में इन अफसरों के राजनीतिक बैकग्रांउड को आधार बनाया गया है | प्रदेश सरकार की चुनावी जमावट बिखेरने के लिए की गई इन शिकायतों पर यदि आयोग की कार्रवाई हुई तो कई जिलाधिकारी बदले जा सकते है | केंद्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया एवं सांसद प्रेमचंद गुड्डू सहित सांसद मीनाक्षी नटराजन एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम भी शिकायत करने वाले नेताओं में शामिल बताए जा रहे हैं |
सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारियों को लेकर की गई तमाम शिकायतों को निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है। ऎसे में राजधानी के गलियारों में आयोग की दखल का हवाला देते हुए कई अफसरों को बदले जाने की चर्चा चल पड़ी है। कहा जा रहा है की चुनाव आचार संहिता प्रभावशील होने के पहले कई जिलो में बड़े बदलाव हो सकते हैं। प्रदेश के रतलाम , मंदसौर , बड़वानी, पन्ना, नरसिंहपुर, मुरैना, भोपाल और खरगौन जिले के कलेक्टरों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है।
सूत्र बताते है की आयोग ने शिकायत में शामिल अफसरों के बारे में सरकार से जानकारियाँ मांगी है। हालांकि प्रदेश सरकार अभी किसी भी कलेक्टर को बदलने का संकेत नहीं दे रही है, लेकिन माना जा रहा है की यदि आयोग का रूख सख्त हुआ तो कुछ कलेक्टरों को बदला जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि कुल 500 शिकायतें आयोग और सीईओ कार्यालय को मिल चुकी हैं। जिनमें ज्यादातर शिकायतें सरकार और अधिकारियों को लेकर हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने सीईओ जयदीप गोविंद को शिकायतों का त्वरित गति से निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।