न्याय सबको मिले किसी का तुष्टिकरण न हो दादागिरी पनपने न दें, सख्ती बरतें- मुख्यमंत्री श्री चौहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर्स कान्फ्रेंस के समापन सत्र में पुलिस अधीक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आम नागरिक की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। न्याय सबको मिले, लेकिन तुष्टिकरण किसी का न हो। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पुलिस व्यवस्था संतोषप्रद है। अपराधों के नये स्वरूपों के सामने आने से और ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

श्री चौहान ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में पुलिस को विजिबल बनायें। पुलिस थानों का नियमित निरीक्षण करें। लोगों की पुलिस तक पहुँच और उपलब्धता को आसान बनायें। इससे सूचना तंत्र भी मजबूत होगा। अपराध रोकने में लोग स्वयं पुलिस की मदद करेंगे। श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते दुरूपयोग को देखते हुए सुस्पष्ट नीति भी बनायी जायेगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे अपना मैदानी दौरा बढ़ायें।

श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को छेड़ने की घटनाओं के मद्देनजर दोषियों और गुण्डों से सख्ती से निपटने के अलावा जिलों में ऐसी घटनाओं के विरूद्ध लगातार अभियान चलायें। श्री चौहान ने पुलिस अधीक्षकों से सख्त लहजे में कहा कि गुण्डों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। किसी की रंगदारी या दादागिरी को पनपने न दें। जनता के साथ भी लगातार संवाद बनाये रखें। स्वच्छ प्रशासन के लिये स्वच्छ पुलिसिंग की जरूरत है। मध्यप्रदेश इस दिशा में पूरे देश में उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। समाज में पुलिस की उपस्थिति का अहसास होना चाहिये ताकि संभावित अपराध घटित न हो पाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के कई स्वरूप हो गये हैं। आतंकवादी नये-नये रूपों में समाज में घुसपैठ बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जहरीली मानसिकता से निपटने की जरूरत है। प्रत्येक नागरिक के मन में सुरक्षा का भाव होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों के नियंत्रण के लिये आपराधिक गतिविधियों की संभावनाओं पर ही कार्रवाई की जानी चाहिये। भ्रामक प्रचार, संवेदनशील क्षेत्र और संदिग्ध गतिविधियों पर तत्परता से कार्रवाई की जानी चाहिये। आपराधिक समुदाय, सामाजिक मानसिकता और मनोवृत्तियों का अध्ययन भी अपराध नियंत्रण के लिये जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने गृह विभाग और पुलिस से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की। इसमें डॉयल 100 योजना, क्राइम और क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क, हिंसक अपराध की रोकथाम, चिन्हित अपराधों की रोकथाम, नाइजीरियन लॉटरी के केस, फिरौती, साईबर अपराध, एटीएम से जुड़े अपराध, चिटफण्ड, पुलिस कल्याण, थानों का सुदृढ़ीकरण, पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, पुलिस आवास निर्माण आदि योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने डॉयल 100 की समीक्षा करते हुए कहा कि इससे पुलिस की प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ा है, क्योंकि पुलिस की उपस्थिति बढ़ रही है। उन्होंने डॉयल 100 वाहन के साथ मोटरसाईकिल को भी जोड़ने की सहमति दी। इससे डॉयल 100 की पहुँच छोटी और सँकरी जगहों पर भी हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिये जितने भी उपाय हों, किये जाने चाहिये और जो भी कदम हो उठाना चाहिये। क्राइम ट्रेकिंग परियोजना से सभी थानों को जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि चिन्हित अपराधों की संख्या दोगुनी की जायें तथा इनमें सजा दिलवाने का प्रतिशत बढ़ाना चाहिये। यह भी कोशिश होना चाहिये कि दोषी को एक साल के भीतर सजा मिले। कुछ अपराधी प्रवृत्ति की जातियों और अपराध करने वाले गिरोहों द्वारा प्रदेश में आकर अपराध करने की घटनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि सभी मकान मालिकों को किरायेदार रखने के पहले उनकी पृष्ठभूमि की जाँच करने का अभियान चलायें। साईबर अपराधों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने का अभियान भी चलायें। पुलिस इस अभियान का नेतृत्व करें। श्री चौहान ने सीसीटीवी का उपयोग बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलों में इसका उपयोग सुनिश्चित किया जाये।

पुलिस कल्याण योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुलिस थानों को फर्नीचर और कम्प्यूटरयुक्त बनाया जायेगा। आम नागरिकों के लिये भी वॉटर कूलर, पंखे, महिलाओं के लिये वॉश रूम आदि की सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की वृद्धि के हिसाब से पुलिस बल भी बढ़ाया जायेगा। पुलिसकर्मियों के आवास के लिये राज्य शासन उदारता से भूमि उपलब्ध करवायेगा। अपना कर्त्तव्य निभाते हुये शहीद हुए पुलिसकर्मियों को वैसे ही सम्मान दिया जायेगा जैसे सेना में सीमा की सुरक्षा करने वाले शहीदों को मिलता है। पुलिस बल के शहीदों के परिवारों को भी पुलिस बल को स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया, पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य, अपर मुख्य सचिव गृह श्री बी.पी. सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक उपस्थित थे।