भोपाल. ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम)में नोटों की कमी हो या फिर पुराने कटे-फटे नोट। या बस और सब्जी बाजार में चिल्लर की चिकचिक। इन समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही राजधानी में मेगा करंसी चेस्ट बनेगी। जेल पहाड़ी पर बनने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी तिजोरी से बैंकों के साथ लोगों को भी राहत मिलेगी। तिजोरी बनाने पर तकरीबन 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
बाजार की जरूरतों पर बैंकों के एक सर्वे के बाद एक बड़ी तिजोरी बनाने का फैसला किया गया है। जेल रोड स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बेसमेंट में 10 हजार वर्गफीट में यह तिजोरी बनेगी। प्रदेश के लीड बैंक के महाप्रबंधक रमेश सिंह की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मेगा करंसी चेस्ट को 30 सितंबर तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राजधानी के आसपास 100 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाली सभी बैंकों और एटीएम की करंसी जरूरतें पूरी होंगी।
साथ ही बैंकों से लाए गए नोटों की साॅर्टिंग भी की जाएगी। इसके लिए अत्याधुनिक नोट साॅर्टिंग और पेमेंट मशीन (एनएसपीएम) लगाई जाएगी। इस मशीन की लागत करीब 5 करोड़ रुपए होगी। सेंट्रल बैंक ने नोट और चिल्लर रखने के लिए 100 वर्गफीट का वॉल्ट तैयार कर लिया है।
यह सुविधाएं
100किमी के दायरे की बैंकों को फायदा
01 करोड़ 54 लाख 4 हजार नोट रहेंग हर वक्त
14 करोड़ के सिक्कों की उपलब्धता रहेगी हर वक्त
एक घंटे में 12 लाख नोटों की छंटनी कर सकेगी सॉर्टिंग एंड पेमेंट मशीन
सेंट्रल बैंक ने जिस नोट सॉर्टिंग एंड पेमेंट मशीन (एनएसपीएम) का ऑर्डर दिया है, वह मशीन हर घंटे बैंक की शाखाओं से आए नोटों के 200 बंडल या 2 लाख नोटों की छंटनी कर सकती है। जरूरत पड़ने पर यह गति बढ़ाकर 1200 बंडल या 12 लाख नोट तक की जा सकती है। छंटनी के दौरान चलन में आ सकने वाले साफ नोट ही बैंकों को दिए जाएंगे। मैले-कुचैले नोट आरबीअाई को वापस भेज दिए जाएंगे।
फिलहाल हर बैंक के अपने करंसी चेस्ट
राजधानी में अभी सभी बैंकों के अपने करंसी चेस्ट हैं। हर करंसी चेस्ट को नोट और करंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से लेकर आना होता है। मेगा करंसी चेस्ट खुलने से अब हर बैंक को आरबीआई नहीं जाना पड़ेगा। मेगा करंसी चेस्ट सीधे आरबीआई से कनेक्ट रहेगा।
राजधानी में अभी सभी बैंकों के अपने करंसी चेस्ट हैं। हर करंसी चेस्ट को नोट और करंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से लेकर आना होता है। मेगा करंसी चेस्ट खुलने से अब हर बैंक को आरबीआई नहीं जाना पड़ेगा। मेगा करंसी चेस्ट सीधे आरबीआई से कनेक्ट रहेगा।
500 और एक हजार रु. के सिक्के भी रहेंगे
1 करोड़ 54 लाख 4 हजार नोट हर वक्त इस चेस्ट में रहेंगे। ये नोट 10,20,50,100, 500 और 1000 के होंगे। इस हिसाब से इनका मूल्यांकन 80-100 करोड़ के बीच होगा
14 करोड़ रुपए के सिक्कों की उपलब्धता यहां हर वक्त रहेगी। ये सिक्के 14 हजार पाउच में होंगे। ये 1,2,5,10,20,50 और 100 रुपए के होंगे। सीमित मात्रा में यहां 500 और 1,000 रु. के सिक्के भी मिलेंगे।
क्लीन नोट पॉलिसी : मैले नोट होंगे चलन से बाहर
आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार में मैले नोट नहीं चलना चाहिए। लेकिन बैंकों के पास संसाधन और फ्रेश करंसी की उपलब्धता बेहद सीमित है। मेगा करंसी चेस्ट से मैले नोट आसानी से चलन से बाहर होंगे।