भोपाल में शिवराज सिंह चौहान के घर में जश्‍न

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इमालवा – मध्यप्रदेश | प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अब तीसरी बार अपनी सरकार बनाने की तैयारी में है। अब तक के चुनाव नतीजो से मालवा में भाजपा की लहर साफ़ दिखाई दे रही है। मालवा-निमाड़ की 47 में से 43 सीटों पर भाजपा आगे है।  मध्‍य प्रदेश में जारी चुनावी परिणाम के मद्देनजर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर में जश्‍न का मा‍हौल शुरू हो गया है. उनके घर के बाहर पार्टी के लागों ने ढोल-नगाडों के साथ जश्‍न मनाना शुरू कर दिया है.

ग्वालियर-चंबल में भाजपा ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश में भाजपा को कम से कम 140 सीटें मिलना तय लग रहा है। जहां भाजपा के कई मंत्री पीछे चल रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कई मौजूदा विधायक भी पीछे हैं। 

मध्य प्रदेश भाजपा के शिविरों में आरंभिक रूझानों के आते ही प्रसन्नता का माहौल है। वहीं कांग्रेस में सुरेश पचौरी जैसे नेता भी आरंभिक रुझानों में पीछे चल रहे थे। वहीं ग्वालियर-चंबल के रुझानों से यह साफ हो गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई करिश्मा चुनाव में नहीं चल पाया। कांग्रेस के ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में प्रदर्शन सुधारने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन कांग्रेस आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई है। कांग्रेस वहां पीछे नजर आ रही है।

भाजपा आगे क्यों
भाजपा में शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और संगठन मंत्री अरविंद मेनन की तिकड़ी की रणनीति मध्य प्रदेश में सफल रही है। शिवराज सिंह चौहान ने अपने कामकाज को आधार बनाया था। वहीं नरेंद्र मोदी ने 14 सभाएं लेकर युवाओं को लुभाने में मदद की थी। भाजपा ने करीब 45 विधायकों के टिकट काटे थे जिनमें दो मंत्री शामिल थे। 
शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से भाजपा के दस सालों के कामकाज की तुलना दिग्विजय सिंह के दस सालों से की, उसका लाभ भी भाजपा को मिला। 

कांग्रेस क्यों रही विफल 
कांग्रेस की रणनीति आऱंभ से ही भ्रामक थी। बड़े नेताओं की गुटबाजी साफ नजर आ रही थी। मंचों पर एकजुट दिखाने के प्रयास के बावजूद टिकटों के बंटवारे और प्रचार में इन नेताओं के मतभेद बने रहे। कांग्रेस का टिकट बंटवारा काफी खराब रहा। विवादों से घिरा होने के कारण कांग्रेस के कई बागियों ने चुनाव में खड़े होकर कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी का फायदा उठाने में विफल रही।