पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर की क्षिप्रा नदी और मुरैना के पास चंबल नदी में विसर्जित कर दी गई हैं.
अस्थी विसर्जन से पहले उज्जैन शहर में अटल जी की अस्थि कलश यात्रा निकाली गई. अस्थि कलश यात्रा उज्जैन के नानाखेड़ा चौराहे से शुरू हुई और फिर सिंधी कॉलोनी चौराहा, तीन बत्ती चौराहा, टावर चौक, चामुंडा माता मंदिर, देवास गेट, दौलतगंज, कंठाल चौराहा और गोपाल मंदिर होते हुए क्षिप्रा नदी के रामघाट पहुंची. यहां पूरे धार्मिक रिति रिवाज के साथ ही अटल जी की अस्थियों को पुण्य सलिला क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया गया.
रास्ते में जगह-जगह उज्जैन के लोगों ने पुष्प अर्पित कर अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए. अस्थि कलश यात्रा के पीछे उज्जैन की आम जनता के साथ ही बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता और शहर के गणमान्य नागरिक अटल जी अमर रहे के नारे लगाते हुए चल रहे थे.
क्षिप्रा नदी के रामघाट पर यात्रा के पहुंचने के बाद अटल जी के अस्थि कलश को श्रद्धाजंलि सभा पर स्थापित किया गया. जिसके बाद साधु-संतों ने अटल जी के जीवन पर प्रकाश डाला. भाजपा नेताओं ने अटल जी को श्रद्धाजंलि अर्पित की. जिसके बाद विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ पंडे-पुजारियों ने कलश का पूजन किया.
इसके बाद बीजेपी नेताओं ने रामघाट पर नाव में बैठकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां शिप्रा नदी में प्रवाहित की. इस दौरान मध्यप्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री पारस जैन, मंत्री लालसिंह आर्य, प्रदेश महामंत्री बंशीलाल गुर्जर, संगठन मंत्री प्रदीप जोशी, विधायक सुदर्शन गुप्ता, दिलीप शेखावत, अनिल फिरोजिया सहित कई बीजेपी नेता और साधु-संत मौजूद रहे. इसके अलावा ग्वालियर के मुखर्जी भवन में भी अटल जी की अस्थियां जनता के दर्शनों के लिए रखीं गई थी जिसे आज मुरैना के पास चंबल नदी में विसर्जित किया गया.