भोपाल। प्रदेश के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए हर तरह की पॉलीथिन पर रोक लगाई जाएगी। इसकी शुरूआत 1 जून से उज्जैन, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओंकारेश्वर सहित सभी धार्मिक शहरों से की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2016 से पहले प्रदेश को पॉलीथिन मुक्त बनाने की पूरी तैयारी कर ली जाए।

इस तिथि के बाद प्रदेश में पॉलीथिन नहीं दिखाई देना चाहिए। नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों ने बताया कि प्रदेश में 27 फैक्ट्रियां पॉलीथिन बनाने का काम करती है, ऐसे में एक दम पॉलिथिन पर रोक लगाने से उनका क्या होगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलीथिन बनाने वाले सभी उद्योगपतियों को बुलाकर बैठक करें। उन्हें पॉलीथिन की जगह अन्य दूसरे प्लास्टिक के सामान बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।

जरूरत पड़ने पर सरकार से उन्हें मदद भी दी जाए, लेकिन तय तिथि के बाद प्रदेश में किसी भी कीमत पर पॉलीथिन नहीं बिकना चाहिए। नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में अधिकांश पॉलीथिन तो गुजरात से आती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश में रोक लग जाएगी तो पॉलीथिन लाना अवैध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उक्त तिथि के बाद पॉलीथिन बेचने और लाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी नियम बनाया जाए।

मोदी से किया है वादा

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान में प्रदेश का साफ-सुथरा बनाने के लिए मैंने पीएम नरेन्द्र मोदी से वादा किया है कि इस अभियान को मिशन मोड के रूप में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिन पहले एयरपोर्ट जा रहा था, तो सड़क पर दिखने वाली पन्न्यिां हवा चलने पर पेड़ों पर जाकर लटक गईं। हमें हर हाल में प्रदेश को ग्रीन-क्लीन बनाने पर फोकस करना है इसलिए पॉलीथिन को हर हाल में रोकना जरूरी है।

By parshv