मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अगले सप्ताह से विभागीय समीक्षा करेंगे। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि विजन डॉक्यूमेंट, तीन माह की कार्य-योजना में की गयी कार्रवाई तथा सभी योजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन की स्थिति की विभागीय मंत्री पहले गहराई से समीक्षा करें। बैठक में स्पष्ट उत्तर और पूरी जानकारी के साथ आयें।
श्री चौहान आज यहाँ मंत्रियों और सचिवों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट के अनुसार तैयार की गयी विभागीय योजना का मंत्री परीक्षण करें। इसे स्वीकृत कराने के लिये वरिष्ठ अधिकारी तथा मंत्री दिल्ली जाये। जरूरत होने पर वे स्वयं भी जायेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि सभी विभाग योजनाओं का आमजन को अधिक से अधिक लाभ पहुँचाने के लिये प्रक्रिया के सरलीकरण के भी सुझाव दें। उन्होंने कृषि महोत्सव में कृषि सहित सिंचाई, ऊर्जा, पशुपालन आदि सभी संबंधित विभाग को प्रभावी भूमिका का निर्वाह करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शहरी अधोसंरचना विकास के कार्यों का प्रभारी तथा स्थानीय मंत्री निरीक्षण करें। वे स्वयं भी प्रदेश के बड़े नगरों में जाकर विकास की जमीनी हकीकत देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.एम.हेल्पलाइन के परिणामों का मंत्री तथा प्रमुख सचिव दस मिनट देकर प्रतिदिन समीक्षा करें। इस योजना में प्रतिदिन 181 नम्बर पर 40-50 हजार काल आ रहे हैं। इस हेल्प लाइन की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जन-विश्वास से जुड़ी योजना है, औपचारिकता नहीं। जिन हितग्राहियों की शिकायतें निराकृत कर बंद की जाती हैं उनमें से कुछ को प्रतिदिन फोन लगाकर निराकरण की स्थिति ज्ञात करें। गड़बड़ी पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जाय।
श्री चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बारे में कहा कि यह सरकार का मिशन है। ग्रोथ रेट बढ़ाने के लिये उद्योग आवश्यक हैं। जिन विभागों को अच्छे निवेश की अपेक्षा के अनुरूप नीति बदलना अथवा संशोधित करना हो वे 15 सितम्बर तक प्रारूप तैयार कर लें। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि औद्योगिक विकास तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उनका दृष्टिकोण जगजाहिर है। इस समय पूरे देश में विकास का माहौल है। श्री चौहान ने पिछले दिनों हुई पंचायतों के निर्णयों की वास्तविक स्थिति तथा आवश्यक होने पर व्यवहारिक परिवर्तन के सुझाव देने के निर्देश भी बैठक में दिये।
बैठक में मंत्रीगण, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, विभिन्न विभाग के प्रमुख सचिव तथा सचिव उपस्थित थे।