मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह आज प्रातः गुजरात में नर्मदा और सागर संगम स्थल पहुँचे। उन्होंने भरूच के पास खंभात की खाड़ी में जहाँ नर्मदा जी मिलती हैं, वहाँ पूजा, अर्चना और प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा जी के संगम स्थल पर आकर उन्हें आनंद और संतोष की अनुभूति हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा मैया के दर्शन कर हम संकल्प लें कि नदियों और पर्यावरण का संरक्षण करेंगे। मैंने माँ नर्मदा से मध्यप्रदेश के समृद्ध होने और कोरोना महामारी पूरी तरह समाप्त करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा जी मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है। इसके तट पर अनेक साधुओं, महात्माओं और ऋषियों ने तपस्या और साधना कर मानवता को राह दिखाई। नर्मदा जी से न सिर्फ पीने का पानी, बल्कि सिंचाई और बिजली के उत्पादन का लाभ भी मिलता है। यह पवित्र रेवा हमारी आस्था की प्रतीक है। हमने इस पावन स्थल पर आकर देश और प्रदेश के कल्याण की कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज का दिन हमारे जीवन का अत्यंत सौभाग्य का दिन है। नर्मदा मैया हमारे लिए साक्षात माँ है। यहाँ आकर धन्य हो गए और माँ नर्मदा से प्रार्थना है कि सबके जीवन में सुख-समृद्धि और रिद्धि-सिद्धि आए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भी यह कहा गया है कि प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, सबका कल्याण हो। धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। आज यही प्रार्थना कर रहा हूँ।