मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस महान संत, आध्यात्मिक गुरु और विचारक थे। उन्होंने सभी धर्मों की एकता पर बल दिया। साधना के फलस्वरूप वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं है। वे ईश्वर तक पहुँचने के अलग-अलग साधन मात्र हैं। मानवीय मूल्यों के पोषक संत रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल प्रांत स्थित ग्राम कामारपुकुर में हुआ था। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने 16 अगस्त 1886 को देह त्याग दी।