मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में कश्मीरी पंडितों की स्मृति में पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने द कश्मीर फाइल्स के निदेशक श्री विवेक अग्निहोत्री तथा भोपाल निवासी कश्मीरी विस्थापितों के साथ बेल, रुद्राक्ष और शमी के पौधे लगाए। आज लगाए गए बेल को शारदा, रुद्राक्ष को शिव और शमी को स्वर्गीय श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में श्यामा नाम दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौध-रोपण के बाद स्मार्ट पार्क में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे कश्मीरी भाई-बहन अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए विवश और मजबूर हुए। इसके बावजुद उन्होंने अपने ज्ञान से विश्व को आलोकित करने का काम किया है, हिम्मत नहीं हारी। मैं उनकी हिम्मत को प्रणाम करता हूँ। कश्मीर से विस्थापित पंडित परिवारों के दर्द को दुनिया ने जाना है। इस संबंध में श्री विवेक अग्निहोत्री ने मध्यप्रदेश में संग्रहालय और कला केंद्र की स्थापना का सुझाव रखा है। राज्य सरकार इसके लिए स्थान और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगी। श्री विवेक अग्निहोत्री ने भी मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की।
आज लगाया गया शमी आयुर्वेद की दृष्टि से अत्यंत गुणकारी माना गया है। साथ ही यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है। बेल पत्र को बिल्व भी कहा जाता है। भगवान शिव को श्रद्धापूर्वक बेल पत्र चढ़ाया जाता है। रुद्राक्ष का पौधा आस्था का प्रतीक माना जाता है। इसके फल की मालाएँ भी धारण की जाती हैं। रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में आभूषण और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं। रुद्राक्ष हिमालय के प्रदेशों के अतिरिक्त असम, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल, अरूणाचल प्रदेश, बंगाल में पर्याप्त मात्र में पाए जाते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं।