रेत खदानों की नीलामी के पूर्व जनता के सुझाव प्राप्त करें – मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

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मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने रेत खदानों की नीलामी के पूर्व आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि खदानों की नीलामी में पूरी पारदर्शिता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी रेत और गौण खनिज की नीति ऐसी बने, जिससे अवैध उत्खनन को सख्ती से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने गौण खनिज नीति में परिवर्तन कर उसमें प्रदेश और यहाँ रह रहे लोगों के हितों को ध्यान में रखने को कहा। श्री नाथ ने आज मंत्रालय में नई रेत नीति और गौण खनिजों के नियमों के संबंध में हुई बैठक में यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर रेत खदानों की नीलामी की प्रक्रिया तय की जाए। इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ ही पंचायतों को बढ़ी हुई राशि भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से नीलामी होने से भविष्य में कोई समस्या नहीं होगी और पूरी पारदर्शिता भी रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री नाथ ने प्रदेश की गौण खनिज नीति में बदलाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति ऐसी हो, जिसमें प्रदेश और यहाँ के लोगों का हित संरक्षित हो। उन्होंने गौण खनिज की खदान लीज आवंटन में प्रदेश में स्थापित उद्योगपतियों को प्राथमिकता देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति में इस बात का भी समावेश हो कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा की प्रोसेसिंग भी प्रदेश में हो। इससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की खनिज संपदा के आकलन, नीलामी और आवंटन प्रक्रिया में गति लाने के निर्देश दिए।

श्री कमल नाथ ने कहा कि स्वत: प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय बनाने वाले हितग्राहियों को बगैर किसी रायल्टी के रेत दी जाए। उन्होंने पारंपरिक रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों को स्वयं के उपयोग के लिए एक बार में 10 घन मीटर रेत नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल, वित्त मंत्री श्री तरुण भनोत, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं प्रमुख सचिव खनिज श्री नीरज मंडलोई उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने रेत खदानों की नीलामी के पूर्व आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि खदानों की नीलामी में पूरी पारदर्शिता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी रेत और गौण खनिज की नीति ऐसी बने, जिससे अवैध उत्खनन को सख्ती से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने गौण खनिज नीति में परिवर्तन कर उसमें प्रदेश और यहाँ रह रहे लोगों के हितों को ध्यान में रखने को कहा। श्री नाथ ने आज मंत्रालय में नई रेत नीति और गौण खनिजों के नियमों के संबंध में हुई बैठक में यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर रेत खदानों की नीलामी की प्रक्रिया तय की जाए। इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ ही पंचायतों को बढ़ी हुई राशि भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से नीलामी होने से भविष्य में कोई समस्या नहीं होगी और पूरी पारदर्शिता भी रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री नाथ ने प्रदेश की गौण खनिज नीति में बदलाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति ऐसी हो, जिसमें प्रदेश और यहाँ के लोगों का हित संरक्षित हो। उन्होंने गौण खनिज की खदान लीज आवंटन में प्रदेश में स्थापित उद्योगपतियों को प्राथमिकता देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति में इस बात का भी समावेश हो कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा की प्रोसेसिंग भी प्रदेश में हो। इससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की खनिज संपदा के आकलन, नीलामी और आवंटन प्रक्रिया में गति लाने के निर्देश दिए।

श्री कमल नाथ ने कहा कि स्वत: प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय बनाने वाले हितग्राहियों को बगैर किसी रायल्टी के रेत दी जाए। उन्होंने पारंपरिक रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों को स्वयं के उपयोग के लिए एक बार में 10 घन मीटर रेत नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल, वित्त मंत्री श्री तरुण भनोत, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं प्रमुख सचिव खनिज श्री नीरज मंडलोई उपस्थित थे।