भोपाल। केंद्रीय जेल से 8 आतंकियों के भागने की घटना के बाद से हड़कम्प की स्थिति है। भले ही इन आठों आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया हो, लेकिन जेल के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े हो गए हैं। बुधवार को CM शिवराज सिंह अचानक सुबह इस ISO जेल का निरीक्षण करने जा पहुंचे। उनके साथ चीफ सेकेट्री बीपी, DGP ऋषि कुमार शुक्ला और पुलिस महानिदेशक जेल संजय चौधरी भी मौजूद थे।
दीवार की ऊंचाई देखकर सीएम भी थे हैरान
निरीक्षण के दौरान सीएम ने उस दीवार को भी देखा, जिस पार कर सिमी कार्यकर्ता जेल से फरार हुए थे। हैरान होकर सीएम ने मौके पर मौजूद अफसरों से पूछा कि 28 फीट ऊंची दीवार पर कोई कैसे चढ़ सकता है। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अफसरों एवं सिपाहियों सहित अन्य स्टाफ बढ़ाने की सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
अचानक पहुंचे CM
सेंट्रल जेल में आखिर कहां गड़बड़ियां हैं, इसे देखने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक बुधवार सुबह वहां जा पहुंचे। सेंट्रल जेल की 28 फीट ऊंची दीवार फांदकर आतंकी कैसे भाग गए? हवलदार की हत्या कर दी और स्टाफ को भनक क्यों नहीं लगी? जेल से भागने की प्लानिंग के लिए ये जेल में कब मिलते थे? इससे पहले मंगलवार को भोपाल पहुंची एनआईए की टीम ने जेल के अफसरों से ऐसे कई सवाल किए। सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक आठ घंटे पूछताछ चली। एनआईए ने सस्पेंड हुए अफसरों से पूछताछ करने के साथ ही जेल के चप्पे-चप्पे का बारीकी से मुआयना किया।
सर्च अभियान चलाया गया…
सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल से सिमी के 8 आतंकियों के भागने और मुठभेड़ में मौत के बाद जेल में बंद 21 आतंकियों की बैरकों में सर्च अभियान चलाया गया। जेल प्रबंधन और पुलिस अफसरों को यहां से काफी सामान मिला। इनमें काजू, बादाम, किशमिश, छुआंरे, पिंड खजूर और खाना बनाने के बर्तन के अलावा सिगड़ी भी है। आतंकी मटके फोड़कर इनमें खाना पकाते थे। अब पुलिस पता लगा रही है कि इन्हें बर्तन और सिगड़ी आखिर किसने मुहैया कराई। उधर, जेल अफसर आतंकियों से मिलने आने वालों का रिकाॅर्ड भी खंगाल रहे हैं। मंगलवार को सेल में बंद आतंकियों की बैरकों में लगे टीवी कनेक्शन भी काट दिए गए। इनकी निगरानी के लिए करीब डेढ़ महीने से बंद सीसीटीवी कैमरों की भी मरम्मत शुरू की गई है।
नाराज आतंकियों ने की भूख हड़ताल…
आतंकी अबू फैजल सहित अन्य ने अपनी मांगों की नई फेहरिस्त सामने रखी है।
आतंकियों ने जेल प्रबंधन के सामने रखी अपनी डिमांड
– एक- दूसरे से पहले की तरह मिलने दिया जाए।
– बैरक के बंद किए टीवी सेट दोबारा शुरू कराए जाएं।
– खाने में ड्राई फ्रूट, पिंड खजूर , छुआरा, दूध और पौष्टिक आहार ज्यादा मात्रा में दिया जाए।
– जांच के नाम पर बार-बार परेशान नहीं किया जाए।
– पढ़ने के लिए हिंदी और अंग्रेजी अखबार पूरे दिए जाएं। अखबार को काटकर नहीं दिया जाए।
– इंपोर्टेड कंबल ओढ़ने और बिछाने को नई चादरें दी जाएं।
पूर्व IG ने चेताया था…
पूर्व IG जेल ने सरकार सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व IG जीके अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने 2 साल पहले ही सरकार को चिट्ठी लिखकर जेल सुरक्षा की खामियां गिनाई थीं। इसमें जेल की खराब सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की बुरी हालत का ज़िक्र था। अग्रवाल ने यह चिट्ठी 2014 में लिखी थी। तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री अंथोनी डिसा को लिखी चिट्ठी में यहां तक कह दिया था कि भगवान एक बार मदद करता है बार बार नहीं। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक, अग्रवाल का दावा है कि भोपाल जेल की सुरक्षा खामी के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया ब्यूरो जानते थे। जीके अग्रवाल ने यह चिट्ठी खंडवा जेल से 6 सिमी के आतंकियों के भागने के बाद लिखी थी।