0755-2570000 फोन पर मिस्ड काल देकर जुड़े स्कूल चलें हम अभियान से

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इमालवा – भोपाल | मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि स्कूल चलें हम अभियान जन-जन से जुड़ा अभियान है। समाज के सहयोग से इसे जन-आन्दोलन बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने नागरिकों से अभियान में उत्साह से भागीदारी करने का आग्रह किया। अभियान का शुभारंभ 16 जून से हो रहा है। जिलों में जिला कलेक्टर अभियान की गतिविधियों का समन्वय करेंगे। जन-प्रतिनिधि, समाजसेवी इसका नेतृत्व करें। इस वर्ष का अभियान ‘शैक्षणिक गुणवत्ता’ को समर्पित होगा।

आज यहां मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से अभियान की रूपरेखा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित प्रदेश ही समृद्ध प्रदेश की बुनियाद है। हर बच्चे को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार के साथ पूरे समाज की भी है। समाज के सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा। सामाजिक, संगठन, उद्योगपति, व्यापारी, दानदाता संस्थाओं के विशेष सहयोग से गाँवों को गोद लिया जा सकता है।

श्री चौहान ने कहा कि स्कूल जाने योग्य कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे और पहली कक्षा में प्रवेश के बाद 12वीं कक्षा तक अनिवार्य रूप से पढ़ाई पूरी करे। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है उनके लिये विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर छात्रावास सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान को गति देने समाज के सभी लोग, संस्थाएँ, जन-प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठन, गणमान्य नागरिक, धर्मगुरू प्रेरक के रूप में अभियान से जुड़ें। शिक्षित प्रदेश बनाने के प्रति संवेदनशील हर व्यक्ति इस अभियान में प्रेरक बन सकता है। उन्होंने कहा कि विकास खण्ड स्तर पर 12 जून को प्रेरकों का सम्मेलन होगा। अच्छा काम करने वाले प्रेरकों को प्रशंसा-पत्र देकर पुरस्कृत किया जायेगा। प्रेरक बनने के लिये 0755-2570000 फोन पर मिस्ड काल देकर पंजीयन करवाया जा सकता है। अब तक 71 हजार प्रेरक इस अभियान से जुड़ चुके हैं। उन्हें 12 जून को अभियान की रूपरेखा के अनुसार प्रशिक्षण दिया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि 16 जून को प्रदेश भर में ‘प्रवेशोत्सव’ के साथ अभियान का शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकादमिक सहयोग देने वाले प्रेरकों का भी स्वागत है। विशेष ध्यान देने योग्य बच्चों के दाखिले पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सहयोग से प्रदेश में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा। बच्चों के दाखिला लेते ही उन्हें पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध हो जायेंगी। पहली कक्षा में आने वाला बच्चा बारहवीं कक्षा पास होने तक स्कूल न छोड़ें, इसकी जिम्मेदारी पूरे समाज की है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत दाखिले के लिये हर जिला अपनी-अपनी रणनीतियाँ बना सकता हैं।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि वे स्कूलों में पुताई, सफाई, सुधार कार्य तत्काल शुरू करवा दें। स्कूलों की जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो पाये।