अक्सर देखा जाता है कि लोग भगवान के बारे में इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं | कि ईश्वर शक्ति हमारे चारों ओर मौजूद हैं | पर कई मंदिरों में कुछ ऐसी गतिविधियां होती हैं |जिससे लोगों को सच मानने को तैयार होना ही पड़ता है कि कि ईश्वर शक्ति हमारे चारों ओर मौजूद हैं | इन गतिविधियों के विषय पर विज्ञान भी कुछ निष्कर्ष दे पानें में असमर्थ हो जाता है | हम आज एक ऐसी अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं |जिसमें भगवान चौसर खेलने आते हैं |यह बात बिल्कुल सच है मंदिर के गर्भग्रह में रोज रात को शिव-पार्वती चौसर खेलने आते हैं |
यह अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित नर्मदा नदी के किनारे बसा ओंकारेश्वर मंदिर है |यह मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है | इस मंदिर के दर्शन के बाद ही चार धाम की यात्रा पूरी होती है |
यह मंदिर दुनिया का इकलौता मंदिर है |जहां पर शिवजी की आरती गुप्त रुप से की जाती है |यहां आरती के समय केवल पुजारी ही गर्भ ग्रह में रह सकते हैं |यह परंपरा मंदिर के निर्माण के समय से ही एक प्रथा के रूप में चली आ रही है |यहां प्रतिदिन शाम की आरती के बाद रात को ज्योतिर्लिंग के सामने चौसर-पासे की बिसात बिछा दी जाती है |जिसे खेलने के लिए भगवान शंकर और माता पार्वती यहां पर आते हैं |कभी-कभी यह चौसर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हटे हुए भी नजर आते हैं